रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से प्रदेश की हर ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) से जुड़ी जानकारी एवं आंकड़े संकलित कर उनका डिजिटाइजेशन करेगी।
विभागीय मंत्री टी.एस. सिंहदेव की मौजूदगी में आज उनके निवास कार्यालय में पंचायत विभाग के संचालक मोहम्मद कैसर अब्दुल हक और आईसीआईसीआई बैंक के पूर्वी जोन के प्रमुख प्रवीण त्रिवेदी ने इस संबंध में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
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एमओयू के तहत आईसीआईसीआई बैंक पंचायतीराज संस्थाओं में सूचना तकनीक अधोसंरचना विकास के लिए भी काम करेगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव ने कार्यक्रम में आईसीआईसीआई बैंक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गांवों से जुड़ी जानकारी और आंकड़ों के संकलन व डिजिटाइजेशन से योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक और ग्रामीणों की जरूरतों के बारे में तेजी से जानकारी मिल सकेगी।
लोगों की आमदनी, आर्थिक स्तर, परिवार तथा कल्याणकारी योजनाओं से माली स्थिति में सुधार संबंधी सटीक जानकारी मिलने से उनके लिए उपयोगी योजनाएं बनाने के लिए भी इससे काफी सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) में सालाना कम से कम 70 लाख रूपए से एक करोड़ रूपए तक के काम कराना शासन का लक्ष्य है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार कोशिश कर रही है कि प्रत्येक परिवार को कम से कम कलेक्टर दर के बराबर आमदनी हो जिससे कि उनकी पारिवारिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति बेहतर हो सके।
Gram Panchayat की मिलेगी ये जानकारी
एमओयू के तहत ग्राम पंचायतों, ग्रामीण परिवारों, उनकी आमदनी, आमदनी बढ़ाने के लिए लोगों की अपेक्षाओं तथा सरकार की योजनाओं के असर जैसी जानकारियों व आंकड़ों के संकलन, डिजिटाइजेशन और आईटी अधोसंरचना विकसित करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक काम करेगी।
इसके लिए चार करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। एमओयू पर हस्ताक्षर के मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. और अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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आईसीआईसीआई बैंक के छत्तीसगढ़ प्रमुख रामकृष्ण कुमार सहित बैंक के कई अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित थे।