नई दिल्ली : 26 जनवरी (26 January) को किसान ट्रैक्टर परेड (Kisan Tractor Parade) निकाले जाने के दौरान दिल्ली (Delhi) में मचे बवाल और हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस एवं प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर अब बेहद सख्त रुख अपना रहा है. करीब 37 किसान नेताओं पर एफआईआर होने अब कई को लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद अब किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को खत्म करने की तेज तैयारी है. शाम करीब 7.30 बजे तक यहां दिल्ली पुलिस के जिला उपायुक्त की तरफ से धारा 144 लागू कर दी गई, जिसके तहत यहां किसी भी तरह के प्रदर्शन या इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई.
ताजा घटनाक्रम में यहां पुलिस प्रशासन की तरफ से बसें और वज्र वाहन भी लाए गए हैं. इससे साफ संकेत है कि थोड़ी देर में या देर रात में धरनास्थल पूरी तरह खाली कराया जा सकता है. गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर करीब 2 महीने से बैठे किसान पुलिस-प्रशासन के सख्त रुख के बाद वहां दोपहर से वापस जाने लगे हैं, लेकिन किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और अन्य किसान नेता यही जुटे हुए हैं.
प्रशासन की तरफ से उन्हें धरना स्थल खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन वह यहां से हटने को तैयार नहीं. प्रशासन की इस बारे में उनसे कई दौर की वार्ता हो चुकी है. हालांकि पहले रिपोर्ट्स आ रही थीं कि राकेश टिकैत पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरेंडर नहीं करेंगे. फिलहाल यहां हलचल तेज है. सड़क के दोनों ओर भारी संख्या में पुलिसबल मौजूद हैं.
आला अफसरों ने शाम को टिकैत और अन्य नेताओं से बात की थी, जिसके बाद गाजियाबाद के एडीएम (सिटी) शैलेंद्र सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत को कानून नोटस दिया गया है कि वे सड़क को खाली कर दें, क्योंकि सड़क को अवरोध करना कानूनन गलत है. उन्हें सोचने का वक्त दिया गया है. राकेश टिकैत ने रोते हुए मीडिया से कहा कि मेरे किसान को मारने की कोशिश की जा रही है. मैं यहां से खाली नहीं करूंगा. हमें मारने की साजिश की जा रही है. ये वैचारिक लड़ाई है. किसानों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कानून वापस नहीं हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगा ।
शाम सवा 7 बजे राकेश टिकैत ने यहां अनशन करने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब मैं पानी पीयूंगा. गांव से पानी आएगा, तभी पानी पीयूंगा. देश ने मुझे झंडा दिया, पानी भी देगा. प्रशासन ने हमारी सभी सुविधाएं हटा दी है, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे.
UP में किसान आंदोलन खत्म कराने के आदेश
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी डीएम और एसएसपी को आदेश दिया है कि वे राज्य में सभी किसान आंदोलन समाप्त करें.
सिंघु बॉर्डर पर भी भारी संख्या में पुलिस एवं सुरक्षाबल तैनात
उधर, सिंघु बॉर्डर पर भी भारी संख्या में पुलिस एवं सुरक्षाबल तैनात किया गया है. ताजा जानकारी के अनुसार, यहां दोनों तरह से पैदल आने-जाने तक रास्ता भी बंद किया गया है.
सरेंडर नहीं करूंगा, कोई गिरफ्तारी नहीं देगा- राकेश टिकैत
गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह फ्लैग मार्च के बाद ही स्प्ष्ट हो गया था कि यहां सुरक्षाबल कार्रवाई की तैयारी में हैं. उधर, दिल्ली पुलिस द्वारा अन्य नेताओं के साथ राकेश टिकैत पर एफआईआर दर्ज करने के बाद लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद यहां मौजूद नेतृत्व हल्का पड़ने को तैयार नहीं. टिकैत ने कहा है कि हम सरेंडर नहीं करेंगे.
राकेश टिकैत ने मंच से घोषणा की है कि हम मंच से नहीं हटेंगे और कोई भी गिरफ्तारी नहीं देगा. धरना/आंदोलन चलता रहेगा. राकेश टिकैत के भाई और भाकियू नेता नरेश टिकैत ने भी कहा है कि हम दिल्ली में हुई हिंसा के सख्त खिलाफ हैं. इस मामले की जांच होनी चाहिए.
गाजियाबाद प्रशासन ने दिया है अल्टीमेटम
जानकारी मिली है कि गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से यूपी गेट धरना स्थल को खाली करने के लिए किसानों को अल्टीमेटम दे दिया गया है और धरना स्थल आज ही खाली हो सकता है. जिला प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद है. जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित हैं. प्रशासन की तरफ से धरना स्थल को खाली कराने की पूरी तैयारी रखी गई है.
बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस सुरक्षा बल तैनात
खबर लिखे जाने तक गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस सुरक्षा बल तैनात है और एडीएम सहित पुलिस के आला अधिकारी राकेश टिकैत से बात करने पहुंचे हैं. यहां अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें राकेश टिकैत से वार्ता करने आए हैं और बातचीत के बाद उनके एवं प्रशासन के रुख को लेकर आपको सूचित कर दिया जाएगा.
मंच से लगातार नेताओं का भाषण चल रहा है
उधर, गाजीपुर बॉर्डर पर मंच से लगातार नेताओं का भाषण चल रहा है. यहां अच्छी खासी तादाद में किसान अभी भी मौजूद हैं, लेकिन अब संख्याबल उतना नहीं है, जितना 26 तारीख तक था. किसानों के रहने के लिए लगाए गए बड़े-बड़े टैंट अब खाली पड़े हैं. कार्रवाई के डर से किसान लगातार अपना सामान बांधकर वापस जा रहे हैं. बड़ी संख्या में अब किसान यहां से वापस जा चुके हैं.