रायपुर। 21 तारीख यानी आज रात 9 बजे से राजधानी रायपुर में लॉकडाउन लगाया जा चुका है।इस लॉकडाउन के दौरान पहली बार बैंकिंग सुविधाओं को भी बंद करने का फैसला जिले के कलेक्टर एस भारतीदासन ने लिया है। अब तक देश, प्रदेश और शहर में अलग-अलग स्तर में लगे लॉकडाउन में बैंकिंग से जुड़े सभी कामकाज सुचारू रूप से जारी थे।जिसमें विभिन्न बैंकों द्वारा मिनिमम स्टाफ वर्किंग की ज़ारी गाइडलाइन पर बैंकिंग से जुड़े सभी काम कराए जा रहे थे, लेकिन इस बार के लॉकडाउन में जिला प्रशासन ने बैंकों में भी ताले जड़ दिए हैं। इसके पीछे की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि कोरोना वायरस का संक्रमण नोटों के जरिए भी तेज़ी से फैल रहा था, जिसे रोकने में यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
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हालांकि इस चैन को तोड़ने के साथ ही शहर के लोगों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। जिसमें पेमेंट, पेंशन, एटीम में नक़दी की कमी जैसी दिक्कतें मुख्य रुप से सामने आएंगी।
7 दिनों तक बैंकों में लगेगा ताला
आज की रात से शुरू हुए इस लॉकडाउन में बैंकों के दरवाजे पर अगले 7 दिनों तक ताला लगेगा। देशभर समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुए लॉकडाउन में अब तक ऐसा नहीं हुआ था, लेकिन बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जिले के कलेक्टर ने इस बार बैंकों में भी ताले बंदी का फैसला लिया है।
अब एक हफ़्ते बाद होंगे भुगतान
सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार से शुरू हुए इस लॉकडाउन में बैंकिंग के कई भुगतान जिसमें खाते पर दिए गए चेक के क्लीयरेंस में तकरीबन एक हफ्ते का समय लगेगा। जिन्होंने आज अपने बैंकों में विभिन्न लेनदेन के लिए चेक डिपाजिट किए है, उनमें अधिकतर का भुगतान एक हफ्ते बाद ही संभव होगा।
एक हफ़्ते बाद भरे जाएंगे ATM
राजधानी के सभी ATM में सोमवार को जो नगद राशि डाली गई है, वह अब सीधे एक हफ्ते बाद ही अपडेट होगी। यानी अब एटीएम में भी करंसी एक हफ्ते बाद ही डाली जाएगी, जिससे लोगों को नकदी की दिक्कतें हो सकती है।
करेंसी से कोरोना रोकने का उपाय
जानकारों की मानें तो कोरोनावायरस का संक्रमण नोटों के जरिए भी लगातार बढ़ रहा है इस को ध्यान में रखते हुए रायपुर कलेक्टर ने बैंक को बंद करने का फैसला लिया है। इस दौरान ज़्यादा से ज़्यादा डिजीटल पेमेंट का इस्तेमाल कर लोग ख़ुद को भी कोरोना संक्रमण से दूर रख पाएंगे।