दिल्ली / पिछले 47 दिन से देश की राजधानी दिल्ली में डटे किसानो को अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मानना पड़ेगा। लगातार चल रही सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट अगले आदेश तक तीन कृषि कानूनों (FarmLaws) को लागू करने पर रोक लगाई जाये।जिस पर किसानो का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए। यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले। जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीन कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई। pic.twitter.com/0tixs3WY3f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2021
वहीं कृषि कानूनों (FarmLaws)को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने अदालत को बताया कि किसानों ने कहा है कि वे अदालत द्वारा गठित किसी भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे।
कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है।
फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया, "उम्मीद है कि कोर्ट किसानों के पक्ष में और कानूनों को रद्द करने के लिए कोई फैसला लेगी। हमें बुराड़ी ग्राउंड में करीब 47 दिन हो गए।" pic.twitter.com/PzOOYhCRKT
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ज्ञात हो कि आज सुबह से सुप्रीम कोर्ट में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों (FarmLaws) को चुनौती देने और दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की कई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई है। इस पर भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट से विनती करना चाहेंगे कि कानूनों पर रोक नहीं बल्कि कोर्ट को कानूनों को रद्द करने का फैसला करना चाहिए क्योंकि डेढ़ महीना हो गया है सरकार इस पर कुछ सोच नहीं रही है।उनका कहना है कि अब उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट किसानों के पक्ष में और कानूनों को रद्द करने के लिए कोई फैसला लेगी। हमें बुराड़ी ग्राउंड में करीब 47 दिन हो गए है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन पर नोटिस जारी किया जिसमें गणतंत्र दिवस पर किसानों के विरोध में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने की मांग की गई थी। pic.twitter.com/Z7AsDFLjfH
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