रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टेलीफोन से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रदेश के धान खरीदी के लिए चर्चा की है। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी से राज्य मे समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को मिलिंग उपरान्त,
केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को परिदान किये जाने हेतु आवश्यक अनुमति नहीं मिलने की बात कहीं है।
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ये अनुमति खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार की और से ज़ारी की जाती है जो छत्तीसगढ़ में FCI के गोदामों में अब तक प्राप्त नही हुई है।
प्रधानमंत्री @narendramodi जी से फ़ोन पर बात हुई।
मैंने उनसे अनुरोध किया है कि एफ़सीआई के चावल न लेने से छत्तीसगढ़ में भंडारण की समस्या हो जाएगी और किसानों के धान की ख़रीदी प्रभावित होगी।
उन्होंने आवश्यक हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 31, 2020
सीएम भूपेश ने कहा कि केन्द्र सरकार की अनुमति प्राप्त न होने से वर्तमान में खरीदी केन्द्रों पर धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इससे धान के निराकरण में विलंब होगा, जिससे भंडारित धान का क्षतिग्रस्त होना संभावित है।
आम तौर पर एफ़सीआई से चावल लेने का आदेश नवंबर मध्य तक जारी हो जाता है।
बारदाने की कमी की समस्या है ही। इस विलंब ने समस्या और बढ़ा दी है।
हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी कृपापूर्वक यथाशीघ्र दिशा निर्देश जारी करेंगे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 31, 2020
धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ना निश्चित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम भूपेश बघेल को इस संबंध में उपयुक्त कार्यवाही करने के संबंध में आश्वासन दिया है।
धान खरीदी : 47 लाख टन पूरी
गौरतलब है कि खरीफ वर्ष 2020-21 में केन्द्र सरकार द्वारा विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मेट्रिक टन चावल उपार्जन हेतु सैद्धान्तिक सहमति दी गई है।
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जिसके उपरान्त राज्य सरकार ने 1 दिसंबर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ की एवं अब तक 12 लाख किसानों से लगभग 47 लाख टन धान का उपार्जन हो चुका है।