जयपुर / राजस्थान में राजनीतिक घमासान एक बार फिर शुरू हो गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने कांग्रेस से अपना समर्थन वापस ले लिया है। जिसके चलते सरकार फिर हिलती हुई नज़र आ रही है। ट्राइबल पार्टी का कहना है कि गहलोत सरकार ने उनके साथ छल किया है जिसके चलते उन्होंने उनका साथ नहीं देने का निर्णय लिया है।
#BJPकोंग्रेस_एक_है https://t.co/Gb1FBXwE19
— Bharatiya Tribal Party – BTP (@BTP_India) December 11, 2020
धमासान की आखिर क्या है वजह
दरअसल इस धमासान की वजह है राजस्थान जिला प्रमुख का निर्वाचन जिसमे जिला प्रमुख पद पर निर्दलीय नामांकन भरकर चुनाव लड़ने वाली भाजपा की सूर्या अहारी ने कांग्रेस के समर्थन से बीटीपी समर्थित पार्वती को एक वोट से हराकर जिला प्रमुख पद पर जीत हासिल की. दरअसल जिला परिषद की 27 सीटो में से बीटीपी समर्थित 13 निर्दलीय जीतकर आये थे. वहीं कांग्रेस के 6 और भाजपा के 8 उम्मीदवार जीते थे।भाजपा से निर्दलीय प्रमुख का चुनाव लड़ने वाली सूर्या अहारी को भाजपा के 8 व कांग्रेस के 6 मत सहित कुल 14 मत मिले जबकि बीटीपी समर्थित उम्मीदवार पार्वती को 13 मत मिले और एक वोट से सूर्या अहारी ने जीत दर्ज करते हुए जिला प्रमुख बनी.
जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के नतीजे हमारी आशा के अनुकूल नहीं रहे हैं। पिछले 9 महीने में हमारी सरकार कोविड-19 की रोकथाम के लिये मेहनत कर रही है। हमारी प्राथमिकता लोगों का जीवन और आजीविका बचाना रहा है। pic.twitter.com/JDRsb4McOo
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 9, 2020
इस बात को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा है कि जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के नतीजे अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित होने के कारण हम अपनी योजनाओं और सरकार के कार्यों का अच्छी तरह से प्रचार नहीं कर सके जबकि विपक्ष ने भ्रामक प्रचार कर मतदाताओं को भ्रमित किया।
The Bharatiya Tribal Party (BTP) has withdrawn its support from the Ashok Gehlot led government in Rajasthan: Chhotubhai Vasava, BTP leader pic.twitter.com/iraqN0Omcf
— ANI (@ANI) December 11, 2020
राजस्थान के 21 जिलों में क्या रहा परिणाम
यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि राजस्थान के 21 जिलों में जिला परिषद के 636 सदस्यों में से कांग्रेस को 252, भाजपा को 353, आरएलपी को 10, माकपा को दो सीटें मिलीं जबकि 18 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. वहीं, 4371 पंचायत समिति सदस्यों में से कांग्रेस को 1852, भाजपा को 1989, बसपा को पांच, आरएलपी को 60, सीपीआईएम को 26 सीटों पर जीत मिली जबिक 439 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।