बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कोटा क्षेत्र में मलेरिया व डायरिया फैलने के बाद यह बात सामने आई है कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर झोलाछाप सक्रिय हैं, जो मरीजों का इलाज कर उनके जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। एक महीने के भीतर इनकी वजह से चार मलेरिया पीड़ित के साथ अन्य तीन मरीज मिलाकर कुल सात की मौत हो चुकी है। वही अब झोलाछापों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
लगातार झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की जा रही
बिलासपुर जिला अस्पताल व मातृ-शिशु अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था फेल,रात में महिलाओं की ड्यूटी, सुरक्षा नहींबिलासपुर जिला अस्पताल व मातृ-शिशु अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था फेल,रात में महिलाओं की ड्यूटी, सुरक्षा नहीं
कलेक्टर अवनीश शरण ने भी झोलाछापों के अवैध क्लीनिक सील करने के निर्देश दिए है। इसी के तहत लगातार झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मंगलवार को कोटा बीएमओ (ब्लाक मेडिकल आफिसर) डा़ निखलेश गुप्ता ने कार्रवाई की। इस दौरान कोटा के करगीखुद, शिवतराई, अमने और लमेर में संचालित हो रहे अवैध क्लीनिक में छापामार कार्रवाई की गई। इस दौरान चारों क्लीनिक में झोलाछाप को ग्रामीणों का इलाज करते हुए पाया गया। जांच में कई तरह की एलोपैथिक दवाएं भी मिली। ऐसे में क्लीनिक सील करने के साथ दवाओं को जब्त करने की कार्रवाई की गई है।
115 छोलाछापों का नाम किया गया सार्वजिनक
कोटा बीएमओ डा़ निखलेश गुप्ता ने कलेक्टर से निर्देश मिलने के बाद कोटा क्षेत्र में झोलाछापों की जांच की। जांच में पूरे कोटा क्षेत्र में 115 झोलाछाप के नाम सामने आए हैं, जो अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन करते हुए ग्रामीणों की जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में डा़ निखलेश ने 115 झोलाछाप के नाम सार्वजनिक किए हैं और सभी गांवों में इनके नाम चस्पा करने के साथ ग्रामीणों से इनसे इलाज न करवाने की सलाह दी गई है।