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बस्तर के 13 गांवों में पहली बार फहराया तिरंगा, सुरक्षाबलों के कैंप खुलने के बाद बदली इलाके की तस्वीर

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बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर के 13 गांवों में देश की आजादी के बाद पहली बार स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा फहराया गया। बस्तर के अलग-अलग जिलों के ये वो 13 अंदरूनी गांव हैं, जहां हाल ही में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया था।

कैंप स्थापित होने के बाद इन पूरे गांव की तस्वीर बदलनी शुरू हो गई है। जिन गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया है, उनमें दंतेवाड़ा के नेरली घाटी, कांकेर के पानीडोबरी, बीजापुर के गुंडम, पुतकेल, छुटवही, नारायणपुर के कस्तूरमेटा, इरकभट्टी, मसपुर, मोहंदी, सुकमा के मुलेर, परिया, सलातोंग, टेकलगुडेम, पूवर्ती, लखापाल पुलनपाड़ शामिल हैं।

12 गांवों में इसी साल 26 जनवरी के बाद सुरक्षाबलों का कैंप खोला गया है।

कैंप खुला तो बनी सड़कें

इन 12 गांवों में इसी साल 26 जनवरी के बाद सुरक्षाबलों का कैंप खोला गया है। कुछ समय पहले तक इन गांवों में नक्सलियों की हुकूमत चलती थी। कुछ इलाकों में स्कूल और सड़क भी नहीं थी। लेकिन जब यहां सुरक्षाबलों का कैंप खुला तो सड़कें बनने लगी। स्कूलों का निर्माण शुरू हुआ है।

आधार-राशन भी बना

इन इलाकों के कई ऐसे ग्रामीण हैं जिनका आधर कार्ड, राशन कार्ड भी बनवाकर दिया गया है। जिन इलाकों में नक्सलियों ने स्कूलों को तोड़ा था वहां नए स्कूल बनने के बाद अब बच्चे अपने ही गांव में पढ़ाई करने लगे हैं। पुलिस ने इन गांवों में ग्रामीणों का भरोसा जीता है। अब पहली बार इन 13 गांवों में आजादी का जश्न मनाया गया।