नई दिल्ली। कोयला क्षेत्र ने नवंबर के दौरान 185.7 अंक अर्जित किए, जबकि पिछले वर्ष के इसी महीने में इसने 167.5 अंक हासिल किये थे। कोयला क्षेत्र का संचयी सूचकांक अप्रैल-नवंबर, 2023-24 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 12.8 प्रतिशत बढ़ गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2023 के दौरान आठ प्रमुख उद्योगों के मध्य कोयला उद्योग के सूचकांक ने 10.9 प्रतिशत (अनंतिम) की वृद्धि दर्ज की है।
भैयाजी ये भी देखें : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी की पहली समीक्षा बैठक, बोले-लोगों तक पहुंचाएं…
नवीनतम आंकड़ों से यह पता चलता है कि आठ प्रमुख उद्योगों के संयुक्त सूचकांक में नवंबर 2023 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.8 प्रतिशत (अनंतिम) की वृद्धि दर्ज हुई है। आईसीआई आठ प्रमुख उद्योगों- सीमेंट, कोयला, कच्चा तेल, विद्युत, उर्वरक, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात के संयुक्त और व्यक्तिगत उत्पादन क्षमता को मापता है।
कोयला उद्योग के सूचकांक में यह बढ़ोत्तरी मुख्य रूप से नवंबर 2023 के महीने के दौरान कोयला उत्पादन में भारी वृद्धि के कारण हुई है, जो 84.52 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान हुई 76.16 मीट्रिक टन उत्पादन से अधिक है। इस प्रकार उत्पादन में 10.97 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है।
कोयला मंत्रालय ने अपनी विभिन्न रणनीतिक पहलों के माध्यम से इस विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन पहलों में वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी-आधारित व्यवस्था के माध्यम से घरेलू उत्पादन को बढ़ाना, घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए माइन डेवलपर सह ऑपरेटरों (एमडीओ) को शामिल करना तथा कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राजस्व-साझाकरण मॉडल पर बंद खदानों को दोबारा खोलना आदि शामिल हैं।
भैयाजी ये भी देखें : ओडिशा से पहुंच रही अवैध धान की खेप, 666 कट्टा धान…
कोयला क्षेत्र की उल्लेखनीय वृद्धि और आठ प्रमुख उद्योगों के समग्र विकास में इस क्षेत्र का योगदान कोयला मंत्रालय द्वारा लगातार की जा रही पहलों का प्रमाण है। कोयला मंत्रालय के ये प्रयास “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं जो आत्मनिर्भरता और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में देश की प्रगति में अपना योगदान देते हैं।