जगदलपुर। हर जरूरतमंद व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले यह शासन- प्रशासन का प्रमुख लक्ष्य रहा है। इसी के तहत बस्तर जिले में नेत्र से संबंधित बीमारी मोतियाबिंद से जिले को निजात दिलाने के लिए 23 नवंबर से पुनः सर्वे अभियान किया जा रहा है। कलेक्टर विजय दयाराम के.ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बस्तर जिले को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने हेतु विशेष प्रयास करने के साथ साथ नेत्र के लिए विशेष अस्पताल अंबक की सुविधाएं मरीजों को जरूरत के अनुसार मिलने हेतु निर्देशित किया है।
कलेक्टर के निर्देश पर पूर्व में किये गए सघन सर्वे अभियान की तरह पुनः 23 से 30 नवम्बर से मोतियाबिंद सर्वे अभियान किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के समस्त कार्यकर्ताओं एवं मितानिनों को सघन सर्वे अभियान प्रारंभ कर नियमित रिपोर्टिंग करने के साथ ही संभावित मरीजों का सत्यापन कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल डिमरापाल एवं जिला महारानी अस्पताल में स्थित अंबक अस्पताल में ऑपरेशन करावाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
23 से 30 नवम्बर तक घर-घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिनों के द्वारा सघन मोतियाबिंद सर्वे अभियान एवं आयुष्मान कार्ड बनाने से छूटे हुए व्यक्तियों का सर्वे किया जाना है। गांवों में सर्वे कार्य हेतु सचिवों से भी समन्वय किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान आदर्श आचार संहिता के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।सर्वेक्षण कार्य का सफल क्रियान्वयन एवं सम्पूर्ण निगरानी खण्ड चिकित्सा अधिकारी व विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक तथा शहरी क्षेत्र में शहरी कार्यक्रम प्रबंधक के द्वारा किया जाएगा।
प्रशासन द्वारा इस सर्वे से पहले माह मई में भी विशेष सर्वे अभियान किया गया था जिसके तहत सातों विकासखंड़ से 2859 मोतियाबिंद मरीजों का चिन्हांकन किया गया। जिसमें विकासखंड बस्तर से 298, बकावंड से 255, बास्तानार से 247, जगदलपुर से 382, लोहंडीगुड़ा से 230, तोकापाल से 230 और दरभा से 117 मरीजों को उपचार उपरांत स्वास्थ्य लाभ हुआ। मोतियाबिंद सर्वे का लाभ जिले के अंदरूनी इलाकों के मरीजों को भी मिला। जिनमें एक देवकी ठाकुर थी जो कलेक्टर विकासखंड लोहड़ीगुड़ा के ग्राम हर्राकोडेर दौरे के दरमियान उनकी माता ने मिलकर आपरेशन की गुहार की थी। कुछ ही दिन बाद देवकी का इलाज मेडिकल अस्पताल में किया गया अब देवकी अपने आखों से देख सकती है। देवकी ने स्वस्थ होने के बाद कलेक्टर को पुष्प भेंटकर आभार व्यक्त भी की।
प्रशासन द्वारा जिले को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने और मरीजों को नेत्र से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में विशेष अस्पताल प्रारंभ किया गया जिसमें अब तक लगभग 342 मरीजों का मोतियाबिंद इलाज किया गया है। इसके अलावा मेडिकल अस्पताल में नेत्र से संबंधित बीमारियों भी इलाज की सुविधा दी जा रही है।