रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर CD का जिन्न बोतल से बाहर आने को तैयार है। सियासी गलियारों में ये कानाफूसी है कि सूबे के राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं की सीडी बाज़ार में सौदेबाज़ी के लिए उतर गई है। इनमें वर्तमान सरकार के कुछ मंत्री, विधायक, युवा नेता और पिछली सरकार के कई नामचीन नेताओं का काला चिट्ठा कैद है।
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सियासी चाणक्यों की अगर मानें तो इस बार सूबे में नक़द लेनदेन की सीडी, कई बड़े काम के सौदों की बातचीत का ऑडियो और आपत्तिजनक स्थिति में बड़े नेताओं के वीडियों वाली CD भी बाजार में सौदेबाजी के लिए घूम रही हैं। ऐसे में दोनों ही राजनीतिक दल सियासी गलियारों की इस कानाफूसी पर अपना कान देकर बैठे हुए है।
दिलीप सिंह जूदेव रिश्वत कांड
तत्कालीन पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के बड़े नेता स्व. दिलीप सिंह जूदेव का साल 2003 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक स्टिंग ऑपरेशन की CD घर घर पहुंची थी। इस स्टिंग में दिलीप सिंह जूदेव को रिश्वत लेने का दावा किया गया था। इस वीडियों से उस वक़्त भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शुमार जूदेव के राजनीतिक करियर को बड़ा नुकसान हुआ। इसने न सिर्फ उनकी साख बल्कि राजनीतिक संभावनाओं पर भी बट्टा लगा दिया। हालाँकि जूदेव 12 साल बाद इस मामलें में CBI की अदालत से बाइज़्ज़त बरी भी हुए।
राजेश मूणत का वीडियों वायरल
इधर साल 2018 के चुनाव से एक साल पहले अक्टूबर 2017 में सूबे के मंत्री राजेश मूणत की एक अश्लील वीडियों सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुई थी। इस वीडियों की तक़रीबन 500 CD वर्तमान में मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा के ठिकानें से जप्त हुई थी। इतना ही नहीं इस मामलें में विनोद वर्मा को गिरफ्तारी भी की गई थी, इस सीडी कांड की आंच से वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी नहीं बच पाए थे। हालाँकि सरकार पलटने के बाद अब इस मामलें में मिट्टी डल गई है।