राजनांदगांव। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डोमन सिंह ने छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 4 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तथा नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करने अथवा करवाए जाने पर पूर्ण रूप से निषिद्ध किया है।
जारी आदेश के अनुसार निर्वाचन के दौरान सभी राजनैतिक दल उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति अपने दल के प्रचार-प्रसार के लिए लाउडस्पीकरों का प्रयोग करते हैं। इन लाउडस्पीकरों का प्रयोग न केवल स्थायी मंच से होता है, बल्कि वाहनों ट्रक, टैम्पों, कारें, टैक्सियों, वेन, तिपहिया, स्कूटर, साइकिल, रिक्शा आदि पर होते है।
ये वाहन सभी सड़कों, गलियों, उप गलियों पर चलते हैं और गांवों, बस्तियों, मोहल्लों, कालोनियों में भी बहुत ऊंची आवाज पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों से प्रसारण करते हुए जाते है।ध्वनि विस्तारक यंत्रों के ऊंची आवाज में प्रयोग करने से विद्यार्थी वर्ग अशांत हो जाते है, क्योंकि उनका अध्ययन बाधित होता है। ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर अबाध रूप से किये जाने वाले शोरगुल से वृद्ध, दुर्बल, बीमार व्यक्ति को, वह किसी चिकित्सालय, संस्थान में हो या घर में हो बहुत परेशानी होती है।
निर्वाचन अवधि में ध्वनिविस्तारक यंत्रों के प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता, क्योंकि ध्वनि विस्तारक यंत्र निर्वाचन प्रचार के एवं जन समूह सम्प्रेषण के साधनों में से एक साधन है, लेकिन उसके साथ-साथ विषम समय में विषम स्थान पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अविवेक पूर्ण ऊंचे स्वरों पर अवैधानिक उपयोग, जिससे जनमानस की शांति एवं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो कि अनुमति दिया जाना उचित नहीं है।
वर्णित तथ्यों के प्रकाश में हर पहलुओं पर विचार करने के उपरांत छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 4 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तथा नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना अथवा करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध किया गया है।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकेगा। किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं मध्यम आवाज में ही प्रयोग किये जायेंगे। लोक परिशांति को दृष्टिगत रखते हुए लंबे चोगें वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। वाहनों एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक ध्वनि विस्तारक यंत्रों को समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया जाता है।
ध्वनि विस्तारक यंत्र या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा हो, तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डीबी (ए) अथवा 75 डीबी (ए) जो भी कम हो से अधिक नहीं होगा। निजी क्षेत्र में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के कारण उस निजी क्षेत्र की सीमा पर ध्वनि स्तर क्षेत्र हेतु निर्धारित परिवेशीय ध्वनि स्तर की सीमा से 5 डीबी (ए) से अधिक नहीं हो।
चुनावी सभाओं में एवं चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनिविस्तारक यंत्र लगाने के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी व तहसीलदार से लिखित में पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्रों में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सक्षम अधिकारी से ही अनुमति प्राप्त कर सामान्यत: किया जा सकता है। परंतु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालय, नर्सिंग होगा, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगर पंचायत, जनपद पंचायत एवं किसी अन्य स्थानीय निकाय कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तिथि 5 दिसम्बर 2023 तक संपूर्ण जिले में प्रभावशील रहेगा तथा तत्काल प्रभावशील होगा।