दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो करेंसी (KRIPTO) व साइबर सुरक्षा को आने वाले दिनों में दुनिया के सामने बड़ी चुनौतियां बताते हुए कहा कि क्रिप्टो करेंसी के विनियमन के लिए वैश्विक मानक बनाए जाने की जरूरत है। साथ ही साइबर सुरक्षा के लिए भी वैश्विक सहयोग और फ्रेमवर्क तैयार किया जाना जरूरी है।
मोदी ने रविवार सुबह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया के सामने साइबर सुरक्षा व क्रिप्टो करंसी जैसी कई ज्वलंत समस्याएं दुनिया के देशों के वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित कर रही हैं। क्रिप्टो करेंसी का क्षेत्र सामाजिक व्यवस्था तथा मौद्रिक व वित्तीय स्थाईत्व के लिए नए विषय के रूप में उभरा है। ऐसे में इसे रेगुलेट करने के लिए वैश्विक मानक तय होने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने साइबर सुरक्षा (KRIPTO) को भी भविष्य के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम व फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं। साइबर सुरक्षा आज हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण विषय बनकर उभरी है। दुनिया नई पीढ़ी की तकनीक में अकल्पनीय स्केल और स्पीड की गवाह बन रही है।
आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (KRIPTO) का उदाहरण सभी के सामने हैं। जी-20 ने 2019 में एआई पर सिद्धांत अपनाए थे। उससे एक कदम आगे बढ़कर जिम्मेदार मानव केंद्रीत एआई गवर्नेंस के लिए फ्रेम वर्क बने। भारत की कोशिश रहेगी कि सामाजिक-आर्थिक विकास, वैश्विक वर्क फोर्स और अनुसंधान व विकास जैसे क्षेत्रों में सभी देशों को एआई का लाभ मिले।