अहमदाबाद। भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान ‘गगनयान’ के लिए मिशन (ISRO) इस साल अगस्त के अंत में चलेगा जबकि कक्षा में मानव रहित मिशन अगले साल भेजा जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यहां भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि गगनयान के लिए पहली और सर्वप्रमुख चीज यह है कि निरस्त किए गए मिशन को अंजाम तक पहुंचाया जाए।
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उसके लिए हमने परीक्षण वाहन नाम (ISRO) से एक नया राकेट बनवाया है जो श्रीहरिकोटा में तैयार है। क्रू माड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम के संयोजन की अभी तैयार हो रही हैं। उनके अनुसार, इसका पहला मिशन मानव रहित होगा। दूसरे मिशन में एक रोबोट को भेजा जाएगा और आखिरी मिशन में अंतरिक्ष में तीन एस्ट्रोनाट (अंतरिक्ष यात्री) भेजे जाएंगे। इसरो (ISRO) प्रमुख ने बताया कि दूसरा मिशन अगले साल यानी 2024 में लांच किया जाएगा। यदि इसमें हम कामयाब हुआ तो इतिहास बन जाएगा। इस मिशन को 2022 तक पूरा होना था लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हुई।