कोलकाता। तीन दशक पहले एशिया का सबसे बड़ा खुला दूध बाजार (DOODH BAAJAAR) होने का गौरव प्राप्त करने वाले कोलकाता के जोड़ासांकू दूध बाजार की स्थिति पहले जैसी नही रही। वर्ष 1991 में कोलकाता से खटाल हटाए जाने से पहले इस बाजार में हर रोज लगभग साढ़े तीन लाख लीटर दूध की बिक्री होती थी। लेकिन महानगर से हटाए जाने के बाद इसका कारोबार धीरे-धीरे घटता गया। जोड़ासांकू दूध व्यवसाय समिति के राजेश सिन्हा ने बताया कि अब यहां प्रति दिन एक लाख से सवा लाख लीटर दूध बिकता है। अब यह एशिया का सबसे बड़ा दूध मार्केट है भी या नहीं, पता नहीं।
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खटाल हटाए जाने के 32 वर्ष बाद भी यह बाजार अपने पहले जैसी स्थिति हासिल (DOODH BAAJAAR) नहीं कर पाया। इस बाजार में छोटे, बड़े और मझौले स्तर के 100 दूध व्यवसायी हैं। इससे ढाई हजार लोग जुड़े हुए हैं। छोटे और मझौले व्यवसायी दूध बाजार से लेकर गणेश टाकिज तक सडक़ किनारे अपनी दुकान लगाते हैं। यह बाजार सुबह चार बजे और शाम पांच बजे से नियमित खुलता है और दो तीन घंटे में बंद भी हो जाता है।
खुल गए छोटे-छोटे दूध बाजार
राजेश ने बताया कि कोलकाता से खटाल हटाए जाने के बाद कोलकाता और आसपास के इलाकों में छोटे-छोटे कई और दूध बाजार खुल गए हैं। सियालदह, काशीपुर के सौदागरपट्टी, हावड़ा ब्रीज के पास और मेटियाबुर्ज में दूध बाजार खुल गए हैं। इसका सबसे बड़ा असर हमारे दूध बाजार पर पड़ा है। महानगर से खटाल हटाए जाने से कोलकाता में दूध लाने में खर्च बढ़ गया है।
सबसे सस्ता दूध कोलकाता में
देश के दूसरे राज्यों की तुलना में कोलकाता में खुला दूध (DOODH BAAJAAR) सबसे सस्ता है। महानगर के इस दूध बाजार में 64 से 70 रुपए प्रति लीटर दूध पाया जाता है। यहां के अधिकतर दूध का इस्तेमाल मिठाई बनाने में होता है। दूध व्यवसायी अमित सिंह ने बताया कि कोलकाता के जितने बड़े और नामी-गिरामी मिठाई की दुकाने हैं वे इसी बाजार से दूध खरीदते हैं। हमारे बाजार के दूध में पानी के मिलावट नहीं होने की पूरी गारंटी है।
75 वर्ष पुराना है दूध बाजार
यह दूध बाजार लगभग 75 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना जोगिंदर सिंह और अन्य दूध व्यवसायियों ने कोलकाता के नूतन बाजार इलाके में एक व्यक्ति की नीजि जमीन पर की थी। जोगिंदर सिंह दूध व्यवसायी राजेश सिन्हा के पूर्वज हैं। अभी बाजार का भवन जर्जर हो गया है और मालिकाना भी बदल गया है। फिर से इसके निर्माण की योजना बनाई जा रही है।