रायपुर। भाजपा का साथ छोड़ने के बाद छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता नंदकुमार साय सोमवार को कांग्रेस में शामिल होने के बाद बड़ा बयान दिया है। साय ने कहा कि “यह निर्णय काफी कठिन और मेरे जीवन का अद्वितीय निर्णय है। अटल बिहारी को फॉलो करता था।
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वह भारत माता के लिए कहते थे कि भारत एक जीता जागता राष्ट्र है। अटल जी की पार्टी आज उस रूप में नहीं है। परिस्थितियों बदली हुई दिखती है। भूपेश सरकार को वाच किया, जो कस्बे थे, वो शहर बन गए। एक नारा अच्छा लगा, नरवा गरवा घुरवा बड़ी, एला न छोडबे संगवारी।”
इससे पहले साय राजीव भवन पहुंचे जहां कांग्रेस मुख्यालय में नंदकुमार साय का ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में साय ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। सीएम भूपेश बघेल ने नंदकुमार साय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “आज बहुत बड़ा दिन है। आदिवासी और मजदूरों के लिए पूरे जीवन संघर्ष करने वाले नंदकुमार साय ने कांग्रेस की सदस्यता ली है। साय जाना पहचाना चेहरा है। 3 बार विधायक, 3 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा में रहे। उनका जीवन सादगीपूर्ण रहा। वह नमक नहीं खाते। जब नमक नहीं खाते तो किसी का नमक लगने का सवाल ही नहीं उठता।
मान मनव्वल पर भी नहीं माने नंदकुमार साय
बता दे कि भाजपा से इस्तीफा दे चुके नंदकुमार साय को मनाने के लिए भाजपा नेता उनके घर गए, लेकिन वो नहीं माने। भाजपा नेताओं के वापस लौटने के बाद साय ने सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट की है, जिसमें आदिवासी समाज के हित को सर्वोपरि रखने की बात कही है। इससे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय एवं संगठन महामंत्री पवन साय ने नंदकुमार साय के निवास पर जाकर भेंट करने का प्रयास किया,
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वहां जानकारी दी गई कि वह दिल्ली में हैं। उनसे फोन से संपर्क करवाने का निवेदन किया गया। उन्हें सूचना दे दी गई परंतु उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। भाजपा नेताओं ने बताया कि निवास पर नंदकुमार साय के बेटे से मुलाकात हुई। लगभग 2 घंटे उनके निवास पर रहकर फोन से कुछ संदेश उन तक और पहुंचे परंतु कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।