रायपुर। आबकारी विभाग के अफसरों और इससे जुड़े कारोबारियों पर ईडी (ED) के छापे ने शराबबंदी समिति का दौरा भी प्रभावित कर दिया है। प्रदेश में शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार ने अलग-अलग समितियां बनाई है, जिसमें राजनीतिक समिति के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों बिहार का दौरा किया था। इसके बाद 10 से 13 अप्रैल को मिजोरम दौरा प्रस्तावित था।
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इससे पहले आबकारी विभाग के बड़े अफसर और कारोबारियों के ठिकानों पर ईडी (ED) ने दबिश दी। छापे के बाद से ही स्थितियां बदल चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक शराबबंदी समिति में आबकारी विभाग के ओएसडी केपी त्रिपाठी शामिल रहते हैं। शराबबंदी के बाद सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को लेकर जुटाई जा रही जानकारियों में वे भी शामिल हैं। आबकारी विभाग पर ईडी की ताबड़तोड़ कार्यवाही के बाद यह दौरा कब होगा अभी तक यह स्थिति स्पष्ट नहीं है।
16 ठिकानों पर हुई थी कार्रवाई
कोल परिवहन में अवैध उगाही मामले की जांच कर रही ईडी (ED) ने शराब कारोबारियों के घर पर 28 मार्च को दबिश दी थी। रायपुर, दुर्ग-भिलाई से बिलासपुर तक जांच की आंच रही। आबकारी विभाग के अधिकारी के घर दो वर्ष पहले भी आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। ईडी ने इस दिन प्रदेशभर में 16 स्थानों पर कार्रवाई की थी।
इसलिए मिजोरम का दौरा
मिजोरम में शराबबंदी लागू की गई है, जिसके बाद यहां भी अवैध रूप से शराब मिलने के मामले दर्ज किए गए। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक समिति ने मिजोरम दौरा इसलिए चुना क्योंकि शराबबंदी के बाद वहां क्या स्थिति है इसकी पड़ताल की जाएगी। 1997 से लेकर 2015 तक यह लगातार लागू रहा, जिसके बाद वहां छूट दे दी गई थी। वर्ष 2019 में इसे दोबारा लागू किया गया। अवैध शराब बिक्री 2018 के विधानसभा चुनाव में यह सबसे बड़ा चुनाव मुद्दा भी बना था। शराबबंदी को लेकर मिजोरम दौरे दौरान समितियां इन पहलुओं पर जानकारी जुटाएगी।