बिलासपुर। प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग (BILASPUR NEWS) में पदस्थ सभी शिक्षकों पर शासन-प्रशासन व जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा दबाव बनाकर विकल्प पत्र भरवाया गया। जब शिक्षकों ने विकल्प पत्र नहीं भरने के लिए अड़े तब शासन द्वारा समय सीमा बढ़ा दिया गया। दबाव बनाकर विक्ल्प पत्र भरवाना पूरी तरह से गलत है। शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा (BILASPUR NEWS) के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने बताया कि 24 फरवरी तक हजारो शिक्षकों ने विकल्प पत्र न देकर भी अपनी भावना व मांग को सरकार व शासन तक पहुंचाया है। विकल्प न भरने के कारण सरकार व शासन तक बात पहुंचने पर वित्त विभाग को विकल्प पत्र भरने का समय बढ़ाना पड़ा। शिक्षको की नियुक्ति 1998 से निरंतर हुई है। एक अप्रैल 2012 से नई पेंशन की कटौती शुरू की गई है। एक जुलाई 2018 से संविलियन किया गया है। एक अप्रैल 2022 से नई पेंशन की कटौती बंद है और पुरानी पेंशन के लिए जीपीएफ की कटौती प्रारम्भ की गई है। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नही है,जो अपरिवर्तनीय विकल्प पत्र का नमूना वित्त विभाग ने जारी किया है। वह भ्रामक है।
शासकीय सेवक के लिए (BILASPUR NEWS) जारी किया गया है,जिसमे एलबी संवर्ग के शिक्षक को संविलियन तिथि से शासकीय सेवक माना जा रहा है। जबकि नई पेंशन योजना में उनका पैसा 2012 से जमा है और इसी राशि को रिटायर होने पर शासन को जमा करने विकल्प पत्र में लिखा है,जो पूर्णता गलत है। पूरे एनपीएस कर्मचारियों में आधे एल बी संवर्ग के शिक्षक है,जिनकी नई पेंशन कटौती व शासकीयकरण की स्थिति भिन्न है, जिसे वित्त विभाग को स्पष्ट करते हुए ही नमूना पत्र जारी करना था। अच्छा होता कि पहले ही विकल्प पत्र लेते फिर विकल्प अनुसार वेतन कटौती किया जाता। वित्त विभाग ने शिक्षको के पेंशन मामले में हड़बड़ी कर शिक्षको को गुमराह किया है।