रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजने की बात आती है तो छत्तीसगढ़िया वाद की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को कोई योग्य छत्तीसगढ़िया नहीं मिलता। राज्यसभा सदस्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ को नियुक्ति पत्र लेने आने लायक ना समझने वाले केटीएस तुलसी, राजीव शुक्ला, और रंजीता रंजन को राज्यसभा सदस्य बनाया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस को राज्यसभा सांसद बाहरी और कुलपति लोकल चाहिए ,जनता यह राजनीति बखूबी समझती है।
उन्होंने कहा वास्तव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बीच कांग्रेस में वर्चस्व की जंग चल रही है। उन्होंने कहा मोहन मरकाम जी ने कुलपति चयन के बहाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी पर निशाना साधा है।
नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा कि कांग्रेस के अंदर कांग्रेस की संस्कृति के अनुसार श्रेय लेने की राजनीति के तहत आपसी लड़ाई अब बाहर आ गई है। लंबे समय तक सत्ता और संगठन के निशाने पर रहकर उपेक्षा झेल रहे मोहन मरकाम को कांग्रेस की नई प्रभारी कुमारी शैलजा जी के आने से बल मिल गया लगता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की स्वागत समिति का अध्यक्ष मोहन मरकाम को और उनके अधीन सह अध्यक्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बनाया गया है। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नेताओं के सामने की थी। वरिष्ठ नेताओं का कार्यक्रम भी अंतिम समय में बदल दिया गया था जिसे मुख्यमंत्री को बताया तक नहीं गया था। इस कारण भूपेश बघेल ने नाराजगी भी जाहिर की थी।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कांग्रेस की जैसी संस्कृति है, उसे देखते हुए यह सुनिश्चित है कि जैसे-जैसे चुनाव पास आएगा, इनकी आपसी खींचतान सड़क पर खुलेआम दिखने लगेंगी।