बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मामले पर मचे सियासी घमासान के बीच एक बार फिर यह पूरा मसला हाईकोर्ट की दहलीज पर जा पहुंचा है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अब राज्यपाल के खिलाफ केस दाखिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट में अधिवक्ता हिमांग सलूजा ने आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल अनुसुइया उइके को रोकने के खिलाफ याचिका दाखिल की है।
अधिवक्ता सलूजा ने इसे संविधान का उल्लंघन बताते हुए अपनी याचिका दाखिल की है। दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 28 जनवरी 2012 को प्रदेश में आरक्षण का प्रतिशत एससी वर्ग के लिए 12% एसटी वर्ग के लिए 32 ओबीसी वर्ग के लिए 14% किया था। जिसे माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई करते हुए असंवैधानिक बताकर खारिज किया था। जिसके बाद सरकार ने जनसंख्या के आधार पर आरक्षण विधेयक लाकर विधानसभा में इसे पारित किया।
इसके बाद राज्यपाल के अनुमोदन हेतु सरकार ने राजभवन भेजा गया लेकिन आज दिनांक तक उक्त विधेयक में राज्यपाल ने कोई मंजूरी नहीं दी है। याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि राज्यपाल द्वारा पूछे गए 10 सवालों का जवाब भी उन्हें प्रेषित करने के बाद अब तक विधेयक में किसी प्रकार कि कोई मंजूरी अप पर टिप्पणी राज्यपाल की ओर से नहीं की गई है। याचिका में राज्यपाल राजनीतिक सफर का भी जिक्र किया गया है, वही संवैधानिक अधिकारियों पर भी याचिका में विस्तृत जानकारी दी गई है।
हाईकोर्ट में लगी इस याचिका में एक स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि राज्यपाल संविधान का उल्लंघन कर रही है, जिस वजह से प्रदेश में आरक्षण की स्थिति का कोई पता ही नहीं है। दायर याचिका में राज्यपाल को जल्द से जल्द निर्णय लेने के लिए निर्देशित करने की मांग अधिवक्ता सलूजा की तरफ से की गई है।