नई दिल्ली। केंद्र सरकार 2023-24 के आगामी बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर सकती है। अभी तक एक वर्ष से अधिक के लिए रखे गए शेयरों पर 10 प्रतिशत LTCG कर लगता है।
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इस कर को 2005 में बंद कर दिया गया था, लेकिन 2018 में उस वित्तवर्ष के केंद्रीय बजट में इसे फिर से पेश किया गया था। घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि समझा जाता है कि वित्त मंत्रालय एलटीसीजी कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाकर और यहां तक कि मुद्रास्फीति समायोजित पूंजीगत लाभ की गणना के लिए आधार वर्ष को संशोधित करके समान परिसंपत्ति वर्गो के बीच समानता सुनिश्चित करने पर विचार कर रहा है।
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अचल संपत्ति और असूचीबद्ध शेयरों की बिक्री से लाभ जो दो साल से अधिक समय से आयोजित हैं, 20 प्रतिशत एलटीसीजी को आकर्षित करते हैं। सूत्रों ने कहा कि सरकार आगामी बजट में कर दरों को युक्तिसंगत बनाने और LTCG की गणना के लिए होल्डिंग अवधि पर विचार कर सकती है।