रायपुर। भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रियों के बयानों पर हमला बोला है। महामंत्री कश्यप ने कहा कि “छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल व उनके साथियों द्वारा जातियों का अपमान की एक परंपरा चल पड़ी है।”
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केदार ने कहा कि “कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री जी ने अनुसूचित जाति के युवाओं को भौकने वाला बताया। फिर बजरंगबली के भक्तों को गुंडा कहा और भगवा का अपमान किया। इन सब के बाद आज उनके मंत्री कवासी लखमा आदिवासी ने एक विवादित बयान दिया है।”
केदार कश्यप ने कहा कि “मंत्री लखमा आदिवासी समाज की बेटी और संवैधानिक पद पर बैठे राज्यपाल महोदया के लिए पेट दर्द, व आदिवासी होने का ढोंग करना जैसा स्तरहीन बयान दे रहे हैं। यह अचानक नहीं है। सत्ता के घमंड में कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उसके मंत्री छत्तीसगढ़ की जनता को अब कुछ नहीं समझ रहे हैं,
और लगातार अपमान कर रहे है। छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज अपने इस अपमान को भूलेगा नहीं इससे पहले भी राष्ट्रपति चुनाव में जब आदिवासी की बेटी को देश के सर्वोच्च पद में बैठाने का मौका आया, तब भूपेश बघेल और उनके साथियों ने मिलकर उन्हें हरा दिया था।
प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यह शब्द कवासी लखमा कि नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हैं। मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग करता हूं कि वह अपने मंत्री के इस बयान के लिए माफी मांगे और उन्हें मंत्रिमंडल से हटाए। अन्यथा यह माना जाएगा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज, व आदिवासी बेटी के अपमान में उनकी सहमति है।
ये था मंत्री कवासी लखमा का बयान…
आरक्षण विधेयक पर छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि “छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है कि राज्यपाल अपने पद का दुरूपयोग कर रही है। विधेयक लाने के पहले राज्यपाल के पेट में दर्द हो रहा था कि आरक्षण के लिए कुछ करना है।
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राज्यपाल किसी पार्टी के नहीं होते, लेकिन राज्यपाल भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रही है। राज्यपाल मकड़जाल में फंसी हुई हैं, वे नेतागिरी कर रही है। आरएसएस के जरिए राज्यपाल को गुमराह किया जा रहा है।” लखमा के इस बयान के बाद ही भाजपा लगातार हमलावर रख अपनाए हुए है।