दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी अस्पताल (hospital) उपचार के लिए किसी भी नागरिक का वोटर आइडी नहीं मांग सकते। अस्पतालों को सभी नागरिकों का उपचार करना होगा, चाहे मरीज का निवास स्थान कहीं भी हो।
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह बिहार के निवासी गुलाम महबूब की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली के सरकारी अस्पताल बाहर से आने वाले मरीजों के उपचार में भेदभाव करते हैं। सरकारी लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल ने केवल दिल्ली के निवासियों के लिए मुफ्त एमआरआइ जांच (hospital) की सुविधा दी है। बाहर के लोगों को महीनों बाद की तारीख दी जाती है। वहीं, दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि अस्पताल उपचार में भेदभाव नहीं करते हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि सरकारी अस्पताल किसी भी मरीज पर आइडी दिखाने के लिए दवाब नहीं डाल सकते। अदालत पूर्व में भी फैसला दे चुकी है कि सभी नागरिकों को उनके निवास स्थान पर विचार किए बिना उपचार देना चाहिए।
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उपचार में भेदभाव किया गया
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि उसे बाएं घुटने (hospital) का एमआरआइ स्कैन कराना था। इसके लिए अस्पताल ने जुलाई 2024 की तारीख दी है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली का निवासी नहीं होने के कारण उसके उपचार में भेदभाव किया जा रहा है। इस पर अदालत ने निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता का एमआरआइ 26 दिसंबर को सुबह 11 बजे किया जाए।