नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मामलें में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है। इस मामलें में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “आरक्षण के मामलें पर सरकार का पक्ष जानना जरूरी है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 16 जनवरी को होगी।”
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छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता बीके मनीष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका को कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग के लिए स्वीकार भी कर लिया। जिसके बाद कोर्ट ने आज इस मामलें में सरकार का पक्ष जानने की बात कहते हुए सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख मुकर्रर कर दी है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 58% आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। इसके बाद राज्य सरकार ने संशोधन विधेयक पारित कर 76% आरक्षण का प्रावधान किया है। इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल अनुसुइया उइके को भेजा गया है, लेकिन दो हफ्ते बाद भी राज्यपाल ने दस्तखत नहीं किए हैं।
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राज्यपाल उइके के मुताबिक वे सभी कानूनी पहलुओं को जानने के बाद ही दस्तखत करेंगी। राज्यपाल ने शासन से 10 सवाल पूछे हैं। इसमें इंदिरा साहनी केस के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रावधान किए गए हैं, उसे लेकर भी सवाल है।