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नेताप्रतिपक्ष चंदेल बोले, हमने आरक्षण विधेयक का किया समर्थन, लेकिन…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पारित किए गए, आरक्षण संशोधन बिल पर भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। सदन के भीतर जमकर हंगामे के बाद सदन के बाहर भी भाजपा ने इस बिल के साथ साथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल समेत भाजपा के दिग्गज नेताओं ने इस मामले पर आज एक पत्रकार वार्ता ली। जिसमें नारायण चंदेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार यह मांग करती रही के जो 32% आरक्षण है, हमारी जनजाति समाज को मिल रहा था, उसको जब उच्च न्यायालय में 20% किया तब से हमारी लगातार यह मांग रही है,

छत्तीसगढ़ की सरकार से कि जो आरक्षण है आदिवासी भाइयों को 32% आरक्षण मिलता था उनको मिलता रहे।
चंदेल ने कहा कि आदिवासियों को 32% आरक्षण दिए जाने के विषय में राज्यपाल को अक्टूबर में सांसद-विधायक मार्च निकाल कर ज्ञापन देने गए थे।

हाईकोर्ट का फैसला सितंबर में आ गया था, इतने दिन सरकार निर्णय नहीं ले पाई। भानुप्रतापुर उपचुनाव घोषित होने के बाद जल्दबाजी में विशेष सत्र बुलाकर पारित किया।

सरकार ने बगैर तैयारी के लाया बिल

नेता प्रतिपक्ष ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भानुप्रतापुर में कांग्रेस हार की कगार पर खड़ी हैं, इसलिए आरक्षण बिल लाया गया। सस्ती लोकप्रियता के लिए ये बिल लाया गया हैं। हमारे आदिवासी भाई- बहनों का मामला था इसलिए हमने सहमति दी। उन्होंने कहा कि बिना तैयारी के ये बिल प्रस्तुत किया गया है, साथ ही कहा कि हमारे दबाव में आकर सरकार झुकी।

जब मामला सुप्रीम कोर्ट में तब चर्चा कैसे

नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि आरक्षण के इस मामले में छत्तीसगढ़ की सरकार ने खुद ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट के आरक्षण रद्द करने के फैसले के बाद इस मामलें पर सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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इस पर हमने कल भी विधानसभा में माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी के सामने इस मामले पर चर्चा कैसे हो सकती है ? इस बात को उठाया था। चंदेल ने कहा कि यह सरकार केवल सस्ती लोकप्रियता अर्जित करने के लिए इस बिल को लेकर आई है, लेकिन हमारे आदिवासी, अनुसूचित जाति, ओबीसी और गरीब सामान्य वर्ग के भाइयों का मामला था, इसलिए हमने इस प्रस्ताव का बड़े मन से समर्थन किया है।