नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई द्वारा दायर पहले आरोपपत्र में सात आरोपियों को नामजद करने और आरोपपत्र में अपना नाम नहीं आने पर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। सिसोदिया ने प्रधानमंत्री से माफी मांगने की मांग की और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्य सचिव नरेश कुमार को उनके पदों से हटाने की मांग की।
सिसोदिया ने कहा- सीबीआई की चार्जशीट ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में कोई आबकारी घोटाला नहीं हुआ है। अन्य आरोप अदालत में झूठे साबित होंगे।प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए, उन्होंने हमें कुचलने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी लेकिन उनकी सारी रणनीति विफल रही। देश भर में 500 से अधिक छापे मारने के लिए आठ सौ अधिकारियों को तैनात किया गया था, लेकिन सीबीआई को कुछ भी नहीं मिला। दिल्ली एल-जी और मुख्य सचिव ने भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। उपराज्यपाल और मुख्य सचिव दोनों को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
सिसोदिया ने कहा- सीबीआई की चार्जशीट ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में कोई आबकारी घोटाला नहीं हुआ है। अन्य आरोप अदालत में झूठे साबित होंगे।प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए, उन्होंने हमें कुचलने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी लेकिन उनकी सारी रणनीति विफल रही। देश भर में 500 से अधिक छापे मारने के लिए आठ सौ अधिकारियों को तैनात किया गया था, लेकिन सीबीआई को कुछ भी नहीं मिला। दिल्ली एल-जी और मुख्य सचिव ने भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। उपराज्यपाल और मुख्य सचिव दोनों को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने पूरे घोटाले को भाजपा द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए गढ़ी गई कहानी करार दिया। सिसोदिया ने कहा- भाजपा ने कई महीने पहले एक मनगढंत कहानी गढ़ी थी कि दिल्ली में एक बड़ा आबकारी घोटाला हुआ है। कभी उन्होंने कहा कि यह घोटाला 10,000 करोड़ रुपये का है, कभी उन्होंने कहा कि यह 500 करोड़ रुपये का है। आंकड़े बदलते रहे, कभी-कभी यह 1 करोड़ रुपये भी होता था। उन्होंने सीबीआई को मेरे घर पर छापा मारने के लिए भेजा और यहां तक कि मेरे लॉकरों की भी जांच की। तब भी मैंने कहा था कि दिल्ली में ऐसा कोई आबकारी घोटाला नहीं हुआ।