पेंड्रा। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने अचानक दौरे पर निकली। उन्होंने विकासखंड़ पेंड्रा के नवागांव और कोडगार का दौरा किया। कलेक्टर ने सबसे पहले धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्था देखी, फिर यूनिसेफ के सहयोग से प्रायमरी स्कूल के बच्चों में भाषा एवं गणितीय ज्ञान की समझ बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे अर्ली ग्रेड लिटरेसी प्रोग्राम (ईजीएल) की गतिविधियों की जांच की। उन्होने धान खरीदी केंद्र नवागांव और कोडगार में अब तक धान बेच चुके किसानों की जानकारी ली तथा समक्ष में नमी मापक यंत्र से धान की जांच कराई। उन्होने किसानों से ऑनलाइन टोकन मिलने, गेट पास आदि के बारे में पूछताछ की। कलेक्टर चौधरी ने किसानों से उनकी किसान पर्ची लेकर पंजीकृत रकबे का अवलोकन किया। कलेक्टर ने जिला विपणन अधिकारी को मिलर्स द्वारा धान उठाव के भी निर्देश दिए।
स्कूल से बिजली पोल हटाने दिए निर्देश
कलेक्टर ने प्राथमिक शाला नवागांव एवं कोडगार में मोर आखर कार्यक्रम के तहत संचालित हमर पुस्तकालयों और ईजीएल के तहत विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों के बीच बैठ कर गमला, फूल, मोमबत्ती के चित्रों में अंतर की पहचान करा कर उनके व्यवहारिक ज्ञान की जांच की। उन्होंने शिक्षकों को शिक्षक संदर्शिका का भली-भांती अध्ययन कर स्वयं गतिविधियों को अच्छी तरह से सीखने के बाद बच्चों को सिखाने कहा। कलेक्टर ने दोनों शालाओं के मैदान का समतलीकरण कराने तथा नवागांव शाला मैदान में स्थित पुराने अनुपयोगी कुंए को पाट कर समतल करने और कोडगार शाला मैदान में लगे विद्युत पोल को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश जनपद सीईओ पेंड्रा को दिए। उन्होने जनपद सीईओ, तहसीलदार, खंड स्रोत समन्वयक एवं संकुल समन्वयक को टीम बनाकर नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करने और शिक्षकीय गतिविधियों में सुधार लाने के निर्देश दिए।
ठेकेदार को नोटिस…
कलेक्टर ने हाट बाजार कोडगार में निर्माणाधीन पांच बाजार शेड और हाट बाजार क्लीनिक भवन का अवलोकन कर गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूर्ण करने संबंधित निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए। उन्होंने पंचायत सचिव को बाजार के ठेकेदार को नोटिस देकर बाजार परिसर की साफ-सफाई तथा बाजार का व्यवस्थित रूप से विकास कराने के निर्देश दिए। उन्होने सचिव से पंचायत में चल रहे विकास कार्यो एवं आजीविका गतिविधियों के बारे में जानकारी ली तथा महिला स्व सहायता समूहों द्वारा मुर्गी एवं बकरी पालन हेतु शेड बनाने, मछली पालन के लिए सामुदायिक डबरी निर्माण तथा पुराने तालाबों का गहरीकरण एवं पचरी निर्माण कराने कहा।