नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में राजस्थान को उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर रखा है। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संख्या में वृद्धि के लिए राज्य में अनिवार्य प्राथमिकी प्रणाली को जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आधे से अधिक मामले झूठे थे।
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मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि “बलात्कार कौन करता है ? ज्यादातर मामलों में, अपराध पीड़िता के रिश्तेदारों सहित परिचितों द्वारा किया जाता है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लगभग 56 प्रतिशत मामले झूठे हैं क्योंकि झूठे मामले दर्ज किए गए थे। हमने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।”
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2021 में बलात्कार के कुल 31,677 मामले, यानी रोजाना औसतन 86 ममले दर्ज किए गए। इनमें से राजस्थान में सर्वाधिक 6337 रेप केस दर्ज किए गए। यानी रोजाना औसतन 17 रेप केस।
NCRB पर पायलेट वर्सेस गहलोत
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के इस आंकड़ों को लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बयान में भारी विरोधाभास दिखाई दे रहा है। सीएम गहलोत ने आगे मीडिया से चर्चा करते हुए आगे कहा कि “डीजीपी मेरे बगल में खड़े हैं। मैं कहना चाहूंगा कि झूठे मामले दर्ज करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए ताकि दूसरे झूठे मामले दर्ज करके राज्य को बदनाम करने की हिम्मत न करें। गहलोत ने यह भी दावा किया कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में अपराध दर कम है।”
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इधर इन आकंड़ों को लेकर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि “राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार को इन पर लगाम लगाने के लिए काम करना चाहिए।”