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हड़ताल ने रोका सरकारी कामकाज, खाली दफ्तरों से लौट रहे लोग

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन समेत तमाम कर्मचारी संगठन महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए है। सोमवार को सूबे के तकरीबन ढ़ाई लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में बैठे रहे। जिसका असर सीधे सरकारी दफ्तरों में होने वाले कामकाज पर दिखाई दिया। राजधानी रायपुर सहित प्रदेशभर में तहसील दफ्तर, पंजीयन, विधिक सेवाएं, खाद्य और राजस्व संबंधित तमाम कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों ने हड़ताल को समर्थन दिया है।

इसका असर रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, सरगुजा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कर्वधा सहित अन्य जिलों में देखा गया। जिले के साथ ही ब्लाक मुख्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए। राजधानी में भी बूढ़ातालाब स्थित धरना-स्थल पर कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के मुताबिक अनिश्चितकालीन हड़ताल आगे भी जारी रहेगा।

सरकारी दफ़्तरों से बैरंग लौट रहे लोग

इधर छत्तीसगढ़ के तमाम सरकारी कार्यालयों में कामकाज नहीं होने से लोग परेशान हो रहे है। दूरदराज से आए लोगों को सरकारी दफ्तरों में खाली पड़ी कुर्सी टेबल देख बैरंग लौटना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि राज्य सरकार आए दिनों होने वाले हड़तालों पर ठोस निर्णय ले। अन्यथा सामान्य लोगों को इसी तरह से परेशान होना पड़ेगा।

बड़े कदम की तैयारी में सरकार

इधर प्रदेश के तमाम कर्मचारी संगठनों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सोमवार को हड़ताल पर अपनी बात कहीं थी, सीएम ने इस हड़ताल को सौदेबाजी क़रार देते हुए उचित कदम उठाने की ओर इशारा किया था। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार इनकी हड़ताल को लेकर कोई ठोस कदम उठा सकती है।