रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की 11 अगस्त को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरल और सहज व्यक्तित्व की धनी मिनीमाता ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया। असम में जन्मी मिनीमाता विवाह के बाद छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रच-बस गई।
दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई। बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में उन्होंने समाज से लेकर संसद तक अपनी आवाज उठाई। मिनीमाता मजदूर हितों और नारी शिक्षा के प्रति भी जागरुक और सहयोगी रहीं। भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थानीय निवासियों को रोजगार और औद्योगिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया।
बघेल ने कहा कि मिनीमाता ने महिला अस्मिता को एक नई ऊंचाई दी है। उनकी स्मृति में छत्तीसगढ़ सरकार ने असंगठित क्षेत्रों के कमज़ोर आय वर्ग की श्रमिक महिलाओं को प्रसूति के लिये आर्थिक सहयोग प्रदान करने वाली भगिनी प्रसूति सहायता योजना का नाम बदलकर ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’ कर दिया है।
समाज एवं महिलाओं के उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनीमाता के नाम पर राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है। राज्य में हसदेव बांगो बांध को मिनीमाता के नाम से पहचान दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिनीमाता का सेवाभावी और प्रेरणादायी व्यक्तित्व सदा याद किया जाएगा।