राजनांदगांव। भारत शासन के नीति अयोग ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिले में चल रही पढ़ाई की व्यवस्था को सराहा है। प्रदेश के राजनांदगांव में “पढ़ई तुंहर दुआर” के तहत नवाचार के माध्यम से बच्चों की शिक्षा के लिए किए जा रहे प्रभावी कार्यों की प्रशंसा आयोग ने की है।
नीति आयोग ने अपने ट्वीटर अकाउन्ट पर इन कार्यो को जिक्र करते हुए ट्वीट किया है कि “राजनांदगांव जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे शिक्षा के आनंद से वंचित नहीं है। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कोविड-19 संक्रमण के कठिन परिस्थितियों में भी दूरस्थ अंचलों तक शिक्षा की रोशनी पहुंच रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आई है।”
अच्छी शिक्षा ही बेहतर भविष्य की नींव है। 🙌
The Padhai Tuhar Dwar initiative of #AspirationalDistrict Rajnandgaon in Chhattisgarh has been very effective in ensuring children do not miss out on the joy of education, even in the remotest areas of the district. 📖 pic.twitter.com/MQEqY7JRBt
— NITI Aayog (@NITIAayog) October 21, 2020
गौरतलब है कि राजनांदगांव के कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा समय समय पर जिला स्तरीय शिक्षा विभाग की टीम से इस संबंध में चर्चा करते रहते है। यह टीम जिले के सभी नौ विकासखंडों से बेहतर समन्वय स्थापित कर विभिन्न माध्यमों से बच्चों को सुरक्षित एवं सतत अध्यापन सुनिश्चित करवा रही है, जिसके परिणामस्वरूप जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में भी शिक्षकों एवं शिक्षा सारथियों ने लगातार प्रयास करते हुए पढ़ाई की कमान थामे रखी है।
मोहल्ला क्लास, बुल्टू के बोल एवं सोशल मीडिया का प्रयोग करते हुए बच्चों की शिक्षा के लिए नवाचार कर उनकी पढ़ाई जारी रखी गई है। उल्लेखनीय है कि जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र मोहला विकासखंड में शिक्षकों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय नवाचार करते हुए 276 स्मार्ट टीवी के माध्यम से विभिन्न पारा मोहल्ला कक्षाओं में डिजीटल शिक्षा की शुरूवात की है, जिससे इस क्षेत्र में विद्यार्थियों एवं पालकों में बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता आई है और शिक्षा के प्रति बच्चों की रूचि में वृद्धि हुई है।