दिल्ली। लखनऊ में एक लड़के ने ऑनलाइन गेम पबजी (ONLINE GAME) के चलते कथित तौर पर मां की हत्या कर दी। अक्सर, ऑनलाइन गेम्स की लत और इनकी वजह से होने वाले खतरनाक नतीजों की खबरें सामने आती रहती हैं। दुनिया के कई देश इस गेम्स या कहें लत से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर हैं। दूसरी तरफ, भारत में अब तक इन्हें लेकर कोई सख्त या पुख्ता नियम नहीं हैं।
पाबंदी बेअसर, अब भी ये गेम उपलब्ध
दुनिया के 15 देश कई साल पहले ही वीडियो/ऑनलाइन गेम्स (ONLINE GAME) पर तरह-तरह के बैन लगा चुके हैं। चीन ने भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हफ्ते में 3 घंटे से ज्यादा ऑनलाइन गेम नहीं खेलने के लिए नए नियम बना दिए हैं। जबकि, चीन दुनिया में वीडियो गेम का सबसे बड़ा मार्केट है। वहीं, भारत अभी तक ऑनलाइन गेम्स को लेकर कोई सख्त कानून नहीं बना पाया है। हालांकि, भारत पबजी जैसे कई चाइनीज ऑनलाइन गेम्स पर दो साल पहले ही पाबंदी लगा चुका है, लेकिन अब भी ये गेम उपलब्ध हो रहे हैं।
ये टेक्नोलॉजी एडिक्शन
इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमेन बिहैवियर एंड एलाइड साइंस के पूर्व निदेशक डाॅ. निमेश जी देसाई कहते हैं- मोबाइल गेम्स की लत से बच्चों और किशोरों, यहां तक कि वयस्कों में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है। कुछ मामलाें में माेबाइल लेने से बच्चे डीप डिप्रेशन में चले जाते हैं। इसे टेक्नाेलाॅजी एडिक्शन कह सकते हैं। जेएएमए नेटवर्क ओपन की रिसर्च के अनुसार, जाे बच्चे गन वायलेंस वाले वीडियो गेम खेलते हैं, उनमें गन पकड़ने और ट्रिगर दबाने की ज्यादा इच्छा होती है। 200 बच्चों पर रिसर्च के बाद यह नतीजे मिले हैं।
सबसे खतरनाक है ऑनलाइन गेमिंग का एडिक्शन
आज का यूथ किताबों से ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग (ONLINE GAME) में टाइम बिता रहा है। इसीलिए इंटरनेट एडिक्शन एक बीमारी हो गई है। कुछेक मामले तो ऐसे भी देखने को मिले हैं, जहां गेमिंग से मना करने पर बच्चों ने हत्या या सुसाइड जैसे एक्सट्रीम कदम उठा लिए हैं। लखनऊ में मंगलवार देर रात ऐसी ही घटना सामने आई, जहां बेटे ने PUBG खेलने से मना करने पर मां की गोली मारकर हत्या कर दी।