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आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड छुट्टी लेकर फरार

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भिलाई। दुर्ग जिले (DURG NEWS) में स्थित उतई आरटीसी सीआईएसएफ की आरक्षक परीक्षा भर्ती फर्जीवाड़ा मामले का मास्टर माइंड एसएफ का एक जवान निकला। उसका नाम डीएस तोमर है। वह मध्यप्रदेश के भिंड़ में एसएफ की 17 वीं बटालियन में पदस्थ है। उसे पकड़ने गई पुलिस की टीम के आने की उसे भनक लग गई और वह फरार हो गया। वहीं उत्तरप्रदेश के फतेहाबाद से मामले के आरोपी एजेंट नत्थी और सत्यपाल को गिरफ्तार कर पुलिस के टीम दुर्ग लौट रही है। इसमें सत्यपाल बेरोजगारों को नौकरी लगवाने का झांसा देकर जाल में फंसाता था।

टीम के आने की भनक लगते ही भाग गया

एसपी अभिषेक पल्लव (DURG NEWS) के निर्देश पर भिंड और आगरा फतेहाबाद गई टीम वापस भिलाई आ रही है। मास्टर माइंड डीएस तोमर 20 दिन से बीमारी का बहाना कर अवकाश पर है। 21 मई को उसे 17 वीं बटालियन में ड्यूटी पर उपस्थित होना था। लेकिन वह अनुपस्थित है। 19 मई को उसके 6 साथी जब पकड़े गए तो वह फरार हो गया।

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पास कराने की गारंटी लेता था आरोपी

मास्टर माइंड डीएस तोमर का एजेंट सत्यपाल था। तोमर के कहने पर बेरोजगारों को नौकरी लगाने का झांसा देकर फंसाता था। अपने पद के बल पर भरोसे में लेते था। फिर आवेदकों से फार्म भरवाने से लेकर उन्हें सेंटर में परीक्षा देकर पास कराने की गारंटी लेता था। उनके साथ और लोग भी शामिल हो सकते हैं।

पहले पकड़े गए हैं 6 आरोपी

इस मामले (DURG NEWS) में 19 मई को सीआईएसएफ के आरक्षक भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट था। आरोपी अभ्यर्थी चंद्रशेखर, श्याम वीर, महेन्द्र सिंह, अजीत सिंह, दलाल दुर्गेश सिंह तोमर और हरिओम को पुलिस ने गिरफ्तार किया। 20 मई को एक टीम भिंड रवाना हुई। दूसरी टीम 21 मई को आगरा फतेहाबाद गई। 23 मई को टीम फतेहाबाद निवासी सत्यपाल सिंह और एजेंट निबोरा के नत्थी को गिरफ्तार करने में सफल रही। इनको गिरफ्तार करने में पुलिस को लोकल टीम की मदद लेनी पड़ी। दोनों आरोपियों को न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया। वहीं से टीम भिंड पहुंची। भिंड में पहले से रूकी टीम के साथ दोनों टीम अब वापस लौट रही है।