भोपाल। शिवराज सरकार ने अब प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग (SMART METER) को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रीपेड और पोस्टपेड मीटर के दोनों मॉडल लागू होंगे। इनमें कहां-कौन सा मॉडल लागू होगा, यह फैसला बिजली वितरण कंपनी करेगी। इसमें ज्यादा चोरी और बेहतर बिलिंग वाले दोनों इलाकों में प्रीपेड मीटर प्राथमिकता से लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर में ऑटोमैटिक रीडिंग और बिना उपभोक्ता के घर गए कनेक्शन काटने की सुविधा भी रहेगी।
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मंगलवार को राज्य मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में स्मार्ट मीटर योजना (SMART METER) को मंजूरी दे दी गई है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार से इस स्मार्ट मीटर योजना में मदद मिल रही है। बैठक में बिजली संबंधित चार प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं। इनमें स्मार्ट मीटरिंग के अलावा बिजली सब्सिडी के लिए 13 हजार करोड़ की मंजूरी, ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के लिए 119 करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर्ज को मंजूरी और सिंगाजी पॉवर प्लांट के लिए अतिरिक्त लागत बजट के प्रस्ताव को मंजूरी शामिल है।
चोरी वाले इलाकों में पहले लगाएंगे प्रीपेड मीटर
स्मार्ट मीटरिंग (SMART METER) के लिए 3 साल का समय तय है। केंद्र 60% राशि कुछ शर्तों के साथ दे रही है। 40% राज्य सरकार को देनी होगी। पहले 30 लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे।