रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक किशोर कुमार पर छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मान्यता देने के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है, कि संयुक्त संचालक मान्यता देने के नाम पर प्रति स्कूल 15 हजार रुपए मांग रहे है और रिश्वत नहीं देने पर फाइलो को अटका रहे है। एसोसिएशन ने संयुक्त संचालक की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मामले में निश्पक्ष जांच करवाने और दोषी संयुक्त संचालक पर कार्रवाई करने की मांग की है।
कक्षा 9वीं से 12वीं तक मान्यता देने का हक
संयुक्त सचिव के पास कक्षा 9वीं से 12वीं तक के क्लास संचालन करने वाले स्कूलों को मान्यता देने का अधिकार है। रायपुर जिले में कक्षा 9वीं से 12वीं तक स्कूल का संचालन करने वाले लगभग 150 स्कूल है। इन स्कूलों में अधिकांश स्कूलों की फाइल संयुक्त संचालक के कार्यालय में अटकी हुई है। एसोसिएशन का कहना है, कि विभाग एक तरफ मान्यता नहीं होने पर कार्रवाई कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारी ही पैसे की वजह से फाइलों को रोके बैठे है।
छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन ने मांगा इंसाफ
इधर छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि “संयुक्त संचालक किशोर कुमार द्वारा मान्यता देने के नाम पर स्कूल संचालको से पैसों की मांग कर रहे है। पूर्व में भी स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी थी। विभागीय अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की, इसलिए सीएम से शिकायत करके इंसाफ की मांग की है।”
लोक शिक्षण संचालनालय को नहीं मिली शिकायत
इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक सुनील जैन ने इस मामले में मीडिया से बातचीत में कहा कि संयुक्त संचालक किशोर कुमार की लिखित शिकातय अब तक हमारे पास नहीं आई है। मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है। शिकायत आने पर मामले की जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।