भोपाल। गेहूं का एक्सपोर्ट (निर्यात) बंद होने भोपाल के व्यापारियों का करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए का माल बंदरगाहों में पड़ा हुआ है। ये गेहूं 60 ट्रकों में भरकर एक्सपोर्ट (EXPORT OF WHEAT) करने भेजा गया था। कई कंपनियां सौदे कैंसिल भी कर रही है। ऐसे में व्यापारियों का पैमेंट भी अटक गया है। दो दिन तक व्यापारी मध्यप्रदेश में विरोध जता चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसलिए गुरुवार से मंडी खुलेगी और अनाज की खरीद-फरोख्त की जाएगी।
भोपाल ग्रेन एंड ऑइल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीशकुमार ज्ञानचंदानी, प्रवक्ता संजीवकुमार जैन ने बताया, करीब 15 हजार क्विंटल गेहूं एक्सपोर्ट करने के लिए भेजा था, जो कांडला, गांधीधाम और मुंद्रा बंदरगाह पर पड़ा है। यदि माल वापस बुलाते हैं तो भाड़ा चुकाना पड़ेगा। ऐसे में किसानों से पहले ही ज्यादा रेट में खरीदा गया गेहूं (EXPORT OF WHEAT) और महंगा पड़ेगा। सरकार एक्सपोर्ट पूरी तरह से खोल दें तो राहत मिल सकती है।
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मंडी में पांच दिन से छाई वीरानी छंटेंगी
करोंद मंडी पिछले पांच दिन से बंद रही है। इससे मंडी में वीरानी छाई रही, जो गुरुवार से छंट जाएगी। बता दें कि 14 मई को बैंक की छुट्टी और 15 मई को रविवार होने से खरीदी नहीं हुई थी, जबकि 16 मई को बुद्ध जयंती के चलते मंडी बंद रही। एक्सपोर्ट बंद होने के कारण 17 और 18 मई को व्यापारियों ने हड़ताल की थी। इन्हीं कारणों के चलते पांच दिन से मंडी बंद रही।
आवक बढ़ने के आसार
पांच दिन के बाद गुरुवार (EXPORT OF WHEAT) को मंडी में गेहूं, चना या अन्य अनाज की खरीदी होगी। व्यापारियों को उम्मीद है कि गेहूं की अच्छी आवक रहेगी। हालांकि, भाव में गिरावट देखी जा सकती है, क्योंकि अब तक एक्सपोर्ट कंपनियों की डिमांड थी। इसके चलते भाव 2500 रुपए क्विंटल तक पहुंच चुके हैं। जिनमें गिरावट हो सकती है।