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नवरात्र 2020 : राजधानी के पंडालों में विराजी माँ दुर्गा, माँ शैलपुत्री के रूप में हुई पूजा

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रायपुर। शक्ति उपासना का महापर्व नवरात्र आज से शुरू हुआ है। देशभर सहित राजधानी के देवी मंदिरों में इस मौके पर विशेष पूजा अर्चना की गई। ये दौर अगले नौ दिनों तक निरंतर ज़ारी रहेगा। इसके साथ ही शहर के भीतर माँ दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना भी विधि विधान से की जा रही है। पुराणों के अनुसार नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है।

स्वामी राजेश्वरानंद ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है मां पार्वती माता शैलपुत्री का ही रूप हैं और हिमालय राज की पुत्री हैं माता नंदी की सवारी करती हैं इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बायें हाथ में कमल का फूल है नवरात्रि के पहले दिन लाल रंग का महत्व होता है यह रंग साहस, शक्ति और कर्म का प्रतीक है नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना पूजा का भी विधान है।

नवरात्रि पूजा विधि
– स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
– पूजा सामग्री को एकत्रित करें।
– पूजा की थाल सजाएं।
– मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में रखें।
– मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोयें और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें।
– पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें, इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और ऊपर नारियल रखें नारियल को लाल कपड़े से लपेंटे और कलावा के माध्यम से उसे बांधें।अब इसे मिट्टी के बर्तन पर रख दें।
– फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें।
– नौ दिनों तक माँ दुर्गा से संबंधित मंत्र का जाप करें और माता का स्वागत कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।
– अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं।
– दुर्गा के पूजा के बाद घट विसर्जन करें इसमें माँ की आरती गाएं, उन्हें फूल, चावल चढ़ाएं और बेदी से कलश को उठाएं।

नवरात्रि के लिए पूजा सामग्री
मां दुर्गा की प्रतिमा अथवा चित्र, लाल चुनरी, आम की पत्तियां, चावल, दुर्गा सप्तशती की किताब, लाल कलावा, गंगा जल, चंदन, नारियल, कपूर, जौ के बीच, मिट्टी का बर्तन, गुलाल, सुपारी, पान के पत्ते, लौंग, इलायची,कपूर आदि पूजा थाली में रखें।

मां दुर्गा के वाहन का पड़ेगा प्रभाव
स्वामी राजेश्वरानंद ने बताया कि शारदीय नवरात्रि माता दुर्गा की आराधना के लिए सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। इस बार शारदीय नवरात्र का आरंभ शनिवार के दिन हो रहा है, ऐसे में देवीभाग्वत पुराण के कहे श्लोक के अनुसार माता का वाहन अश्व होगा अश्व पर माता का आगमन छत्र भंग, पड़ोसी देशों से युद्ध, आंधी तूफान लाने वाला होता है। ऐसे में आने वाले साल में कुछ राज्यों में सत्ता में उथल-पुथल हो सकता है। सरकार को किसी बात से जन विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है। कृषि के मामले में आने वाल साल सामान्य रहेगा देश के कई भागों में कम वर्षा होने से कृषि का हानि और किसानों को परेशानी होगी।