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147 करोड़ की लागत से स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल योजना पर काम शुरू, सड़कों पर अपराध नियंत्रण करने में मिलेगी मदद

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर शहर (BILASPUR NEWS) की सुरक्षा और अपराध रोकने के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड 147 करोड़ की लागत से चौक-चौराहों और सड़कों पर कैमरा लगाने जा रहा है। इस योजना से जहां ट्रैफिक कंट्रोल करने में मदद मिलेगी तो वही सड़कों पर अपराध घटित करने वालो की जल्द पहचान हो सकेगी। अत्याधुनिक कैमरों की मदद से ऑनलाइन ट्रैफिक कंट्रोल किया जाएगा, ताकि वाहन चालकों को बेवजह सड़कों पर जाम में फंसा नहीं रहना पड़ेगा।

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सड़कों पर 90 करोड़ की लागत से लगेंगे 473 कैमरे

बिलासपुर नगर निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है। स्मार्ट सिटी के तहत शहर में कई स्मार्ट कार्य भी कराए जा रहे हैं। स्मार्ट गार्डन, स्मार्ट सड़क, स्मार्ट वाई-फाई के अलावा शहर का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है। बिलासपुर स्मार्ट ट्रैफिक बनाने के लिए 147 करोड़ की लागत से स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल योजना (BILASPUR NEWS) पर काम शुरू कर दी है। इस योजना के तहत स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने तारबहार थाना में 13 करोड़ रुपए की लागत से 3 मंजिला बिल्डिंग में इंटीग्रेटेड सिस्टम तैयार कर ऑनलाइन स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल करेगी इसके तहत शहर के चौक चौराहों के अलावा सड़कों पर 90 करोड़ की लागत से। 473 कैमरे लगाए जाएंगे।

147 करोड़ की लागत से स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल योजना पर काम शुरू

ये कैमरे यातायात को सुगम बनाने (BILASPUR NEWS) में सहयोग करेगा। जिन चौक-चौराहों पर अत्यधिक ट्रैफिक जाम होता है, वहां तत्काल सिग्नल अपडाउन कर जाम की स्थिति को निर्मित नहीं होने देगी। इसके अलावा सिग्नल तोड़ कर जाने वालों के नंबर ट्रेस करने के लिए अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे नंबर ट्रेस करेगी और इसके बाद ट्रैफिक कंट्रोल में बैठे कंट्रोलर के माध्यम से सिग्नल तोड़ने वाले के मोबाइल पर ई-चालान भेजा जाएगा। यातायात को सुगम बनाने यह व्यवस्था स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा की जा रही है।

अपराध नियंत्रण में होगा कारगर

सड़कों पर चैन स्नैचिंग, मारपीट, सड़क दुर्घटना और कई अपराध घटित होते हैं, लेकिन पुलिस को अपराधियों की पहचान के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता है। मामले को सुलझाने में पुलिस को लंबा समय भी लगता है। स्मार्ट ट्रैफिक योजना के तहत लगे कैमरों की मदद से पुलिस को सड़कों पर घटित अपराध को रोका जाएगा। साथ ही अपराधियों की पहचान की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। कैमरों की मदद से अपराधियों की पहचान तत्काल हो जाएगी, इसके साथ ही दुर्घटना होने पर ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट के माध्यम से घायल को तत्काल अस्पताल पहुंचाने संबंधित विभाग को सूचित भी किया जा सकेगा।