बेंगलुरु। हिजाब विवाद (Hijab Row) पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने हिजाब पर पाबंदी बरकरार रखी है। हाईकोर्ट की तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा, “गणवेश (यूनिफॉर्म) पहनने से विद्यार्थी इनकार नहीं कर सकते।” इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ कहा, “हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले (Hijab Row) में कहा है कि सरकार के आदेश के उल्लंघन पर कोई केस नहीं दर्ज किया जाय। मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले महीने अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी। पूर्ण पीठ में मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायामूर्ति कृष्ण एम दीक्षित शामिल हैं।
बता दें कि इससे पहले मामले (Hijab Row) की सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की ओर से अदालत में दलील दी गई थी कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है। धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रखा जाना चाहिए।हिजाब मामले की सुनवाई कर रही कर्नाटक हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ से राज्य के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नावडगी ने कहा था, ‘‘हमारा यह रुख है कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा नहीं है। डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान सभा में कहा था कि ‘हमें अपने धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रख देना चाहिए।