नई दिल्ली। दिल्ली दक्षिण सीजीएसटी आयुक्तालय के अधिकारियों को कुछ फर्जी फर्मों के संबंध में एक विशिष्ट खुफिया जानकारी प्राप्त हुई थी, जो पूरी तरह से नकली चालान के माध्यम से अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत 54 फर्जी फर्मों को चलाने वाले एक कार्टेल का पता लगने पर, दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर तलाशी और निरीक्षण किया गया, जो नकली चालान और सर्कुलर ट्रेडिंग में लिप्त थे। तलाशी के दौरान विभिन्न फर्मों की रबर स्टैंप और लेटर हेड, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज परिसर से जब्त कर लिए गए हैं। अब तक इन लेन-देन की प्रारंभिक जांच में करीब 611 करोड़ रुपये के फर्जी चालान और 38.5 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी का खुलासा हुआ है।
कार्टेल के सदस्यों ने अपने इकबालिया बयानों में इन फर्जी फर्मों के प्रबंधन में अपनी भूमिका स्वीकार की है। इन फर्जी फर्मों को चलाने वाले लोगों ने सरकार को धोखा देने की साजिश रची और सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1) (बी) और 132 (1) (सी) के तहत निर्दिष्ट अपराध किए, जो संज्ञेय और गैर-जमानती हैं।
गिरोह के तीन प्रमुख व्यक्ति इन फर्जी फर्मों के मास्टरमाइंड अंकित गुप्ता, और उनके दो सहयोगी रबीन्द्र सिंह और राजेंद्र सिंह को कल 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।