रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल “गांधी हमारे अभिमान” कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके साथ इस कार्यक्रम में सूबे के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मंत्री शिव डहरिया भी मौजूद है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मौन प्रदर्शन किया।
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अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “हमारी परंपरा में सभी शामिल होते हैं, दो दिन का धर्म संसद था जिसमें धार्मिक बातें होती हैं, हम किसी की आलोचना नहीं करते, सुधार की बात करते है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि “हमने आपत्तिजनक भाषा का विरोध किया, कालीचरण के पीछे क्या उद्देश्य था ये हमें नहीं पता…महापुरूषों ने महात्मा गांधी के बारे में क्या कहा वो महत्वपूर्ण है, टैगोर जी के खिलाफ बोलने वाले ये कौन होते है। नफरत फैलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है, ऐसे लोग समाज के लिए कोढ़ है।”
उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के विचार महात्मा गांधी से अलग थे, वैचारिक मतभेद थे लेकिन रंगून से रेडियो के जरिए उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा था। आइंस्टीन ने गांधी जी को लेकर कहा था कि भविष्य की पीढ़ियों को यह बात यकीन करने में मुश्किल होगी कि हाड़ मांस का बना ऐसा व्यक्ति भी कोई था।
विवेकानंद ने शिकागो में धर्म संसद में कहा था कि हम विश्व के सभी धर्मों को स्वीकार किया है, हमने सताए हुओं को अपने यहां स्थान दिया है. विवेकानंद को विवेकानंद बनाने में छत्तीसगढ़ की माटी का भी अहम योगदान है।
विभाजन के लिए जिन्ना और सावरकर जिम्मेदार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “ईश्वर से अछूता कोई नहीं, हम सब उसी के अंश हैं, हम अहिंसा के राह पर चलते हैं। गांधी जी ने छत्तीसगढ़ के सुंदरलाल शर्मा को अपना गुरू कहा था, गांधी जी ने सबसे बड़ा जो काम किया है वो है श्रम का सम्मान. मेहनत का सम्मान।
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सीएम भूपेश ने कहा कि आज हमारी सरकार गांधी के रास्ते पर चल रही है और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने वाले गोडसे और सावरकर की राह पर चल रहे हैं।देश विभाजन के लिए गांधी नहीं जिन्ना और सावरकर जिम्मेदार हैं।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 31, 2021