दिल्ली। देश के केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने जानकारी दी है कि भूकंप के झटके सुबह करीब साढ़े 5 बजे महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया है कि भूकंप का केंद्र द्वीप से 165 किमी दक्षिण पूर्व में था।
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धरती के अंदर प्लेटों के टकराने से आता है भूकंप
भूकंप आने का मुख्य कारण धरती के अंदर प्लेटों का आपस में टकराना है। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट हैं, जो लगातार घूम रही हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक ये प्लेट्स किसी स्थान पर टकराती हैं, तो फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोनों के मुड़ने से वहां दबाव बनता है और प्लेट टूटने लगती हैं। इन प्लेटों के टूटने से अंदर की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोज लेती है, जिससे पृथ्वी कांपती है और हम इसे भूकंप (Earthquake) मानते हैं।
दुनिया में 8000 से ज्यादा आते हैं भूकंप
रिक्टर पैमाने पर 2.0 से कम की तीव्रता वाले भूकंपों को सूक्ष्म के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और इन भूकंपों को महसूस नहीं किया जाता है। दुनिया भर में प्रतिदिन सूक्ष्म श्रेणी के 8,000 भूकंप रिक्टर पैमाने पर दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake) को माइनर कैटेगरी में रखा गया है।
हमें यह महसूस भी नहीं होता कि आम तौर पर हर दिन ऐसे 1,000 भूकंप आते हैं। 3.0 से 3.9 तीव्रता के बहुत हल्के श्रेणी के भूकंप एक वर्ष में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन इनसे शायद ही कोई नुकसान होता है। 4.0 से 4.9 की तीव्रता वाले हल्के श्रेणी के भूकंप पूरे विश्व में साल में लगभग 6,200 बार रिक्टर पैमाने पर दर्ज किए जाते हैं। ये झटके महसूस किए जाते हैं और इन्हें घरेलू सामानों को हिलाते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, वे नगण्य क्षति का कारण बनते हैं।