ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कड़ाके की ठंड (MAUSAM NEWS) का दाैर शुरू हाे गया है। दस साल में पहली बार ऐसी कड़ाके की सर्दी का अहसास लाेगाें काे हुआ है। आज न्यूनतम तापमान 1.8 डिसे रिकार्ड हुआ है। बर्फीली हवाओं ने पूरे शहर काे ठिठुरा दिया है। लाेग सुबह अलाव तापते नजर आए। माैसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन तक शहर काे कड़ाके की सर्दी का टार्चर झेलना हाेगा। खास बात यह है कि सुबह 8.30 बजे भी तापमान 5.2 डिसे रिकार्ड हुआ है।
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ठंडी हवा ने शहर के मौसम (MAUSAM NEWS) को बदल दिया। अचनाक हाड़ कंपाने वाली ठंड ने दस्तक दे दी। 24 घंटे से शहर शीत लहर की चपेट में है। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात पिछले दस साल की सबसे सर्द रात रही है। रात में पारा लुढ़क कर 1.8 डिसे तक पहुंच गया, जाे सामान्य से 6.1 डिसे कम था। वहीं सुबह 5.30 बजे भी तापमान 4.2 डिसे दर्ज हुआ।
कड़ाके की सर्दी से सुबह 8.30 बजे तक लाेगाें काे राहत नहीं मिली, क्याेंकि तापमान में काेई खास बढाेत्तरी नहीं हुई थी। सुबह न्यूनतम तापमान 5.2 डिसे रिकार्ड हुआ है। लाेग सुबह भी घराें में अलाव तापते नजर आए। वहीं शनिवार काे दिन में धूप जरूर निकली, लेकिन उत्तरी हवा चलने से धूप का असर कम कर दिया। लाेग गर्म कपड़ाें में सिमटे नजर आए। रविवार काे सीजन का सबसे कम तापमान रिकार्ड हुआ। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक शहर शीत लहर की चपेट में रहेगा। न्यूनतम तापमान में गिरावट के आसार हैं। इससे फसलों पर पाला पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
कड़ाके की सर्दी का कारण
जम्मू कश्मीर एक साथ दो पश्चिमी विक्षोभ गुजरे चुके हैं, जिससे कश्मीर में बर्फबारी हो चुकी है। इनके गुजर जाने के बाद गत दिवस उत्तर-पश्चिम हवा का चलना शुरू हो गया। यह हवा अपने साथ बर्फीली ठंडक लेकर आ गई। इस कारण ग्वालियर का मौसम अचानक बदल गया। शीत लहर व शीतल दिन एक साथ होने की वजह से ठंड (MAUSAM NEWS) की चुभन अधिक रही। शनिवार काे अधिकतम तापमान 20.7 डिसे रिकार्ड हुआ, जो सामान्य से 4.1 डिसे कम रहा। इससे दिन में भी ठंड ने कंपाया। सूर्य अस्त के बाद ठंड बढ़ गई। सड़कों के किनारे अलाव जलने लगे। घरों में हीटर चालू हो गए।
अगले 24 घंटे तक ऐसा रहेगा मौसम
- 4 से 6 किमी प्रतिघंटा की गति से उत्तरी हवा चलेगी। इससे अगले 24 घंटे तक शीत लहर का असर रहेगा। शीतल से अति शीतल दिन का भी अहसास रह सकता है।
- आसमान साफ रहने से रात में ठंड बढ़ने के आसार अधिक हैं।
- हवा में नमी की मात्रा और घटेगी, जिससे ठंड की चुभन बढ़ोतरी होगी। इससे पाला पड़ने के आसार हैं।