दिल्ली। दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक शुरू हो गई है जिसकी अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं।
यह बैठक अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबानी सरकार के काबिज होने से पैदा हुईं चुनौतियों के मद्देनजर आयोजित की गई है। इस बैठक के केंद्र में क्षेत्रीय सुरक्षा का मुद्दा रहेगा। एनएसए की इस बैठक में भारत के अलावा उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, रूस, ईरान, कजाख्स्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं।
भैयाजी ये भी देखे: कोरोना अपडेट: 24 घंटे में 11 हजार नए मामले, 460 मौत
चीन और पाकिस्तान ने बैठक में शामिल होने से किया इंकार
इस बैठक की मेजबानी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे विचार-विमर्श प्रोडक्टिव व उपयोगी होंगे और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने और हमारी सामूहिक सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देंगे। हम सब अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को गौर से देख रहे हैं। इसके लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देशों और क्षेत्र के लिए भी इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं।
अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित
कजाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव ने बैठक (NSA) में कहा, हम अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। अफगानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है और देश मानवीय संकट का सामना कर रहा है। अफगानिस्तान में मानवीय सहायता बढ़ाने की जरूरत है।
समस्या को हल करने के लिए एक तंत्र बनने की उम्मीद
वहीं, ईरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव, रियर एडमिरल अली शामखानी ने कहा कि अफगानिस्तान में पलायन की समस्या विकट है, जिसका समाधान एक समावेशी सरकार के गठन और सभी जातीय समूहों की भागीदारी के साथ आ सकता है। उम्मीद है कि इस समस्या को हल करने के लिए एक तंत्र बनेगा।
अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों से जुड़ा मामला
किर्गिस्तान की सुरक्षा परिषद के (NSA) सचिव मरात एम इमांकुलोव ने बैठक में शामिल होकर कहा, हमारे क्षेत्र में और पूरी दुनिया में यह बहुत कठिन स्थिति है। यह मामला अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों से जुड़ा है। संयुक्त प्रयासों से अफगान के लोगों को मदद दी जानी चाहिए। डोभाल आज रूस और ईरान के एनएसए के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे।