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Air India ने मंत्रियों-अधिकारियों के मुफ्त सफर पर लगाई रोक

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दिल्ली। हाल ही में सरकारी विमान सेवा रही एयर इंडिया (Air India) के एक बार फिर टाटा ग्रुप का हिस्सा बनने की खबर सुर्ख़ियों में रही थी। एयर इंडिया को अपने हाथ में लेने के बाद टाटा समूह ने अब अपने हालिया फैसले में हवाई टिकट पर ‘क्रेडिट फैसिलिटी’ पर रोक लगा दी है । इसका मतलब है, कि एयर इंडिया से अब भारत सरकार के अधिकारी, मंत्री मुफ्त में सफर नहीं कर पाएंगे ।

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खुद देना होगा पैसा

टाटा समूह के हाथ में एक बार फिर एयर इंडिया (Air India)  वापस आने के बाद यह पहले कदम के तौर पर देखा जा रहा है। बैंक अकाउंट नए बदलाव के तहत अब उन सरकारी अधिकारियों को भी टिकट के पैसे चुकाने होंगे, जिनकी यात्रा का खर्च भारत सरकार उठाती है। लिहाजा सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों से एयर इंडिया का बकाया तुरंत चुकाने को कहा है।

अब तक क्या थी सुविधा

साल 2009 से ऐसी सुविधा का लाभ एयर इंडिया द्वारा दिया जा रहा था। जिसके तहत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मामले में भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी सरकारी खर्च पर यात्रा कर सकते थे। इन यात्राओं पर होने वाले टिकट खर्च को बाद में एयर इंडिया और सरकार के बीच सेटल किया जाता था। लेकिन, बीते दिनों सरकार की ओर से एयर इंडिया का विनिवेश कर दिया गया है। अब एक बार फिर यह टाटा ग्रुप के पास वापस जा चुकी है। इसलिए अपने नए कदम के तहत एयर इंडिया ने हवाई टिकट की खरीद पर क्रेडिट सुविधा अब बंद कर दी है। विमानन कंपनी की तरफ से जारी मेमोरेंडम में कहा गया है, कि मंत्रालय और विभाग के अधिकारी अगले निर्देश तक एयर इंडिया की टिकट नकद के जरिए खरीद सकते हैं।

268 करोड़ रुपए का बकाया

टीओआई की खबर के मुताबिक, इसी साल 31 अगस्त तक एयर इंडिया (Air India)  पर कुल 61,562 करोड़ रुपए का कर्ज था। जिसमें 268.8 करोड़ रुपए की उधारी सरकार पर ही है। वेब पोर्टल न्यूज लॉन्ड्री की रिपोर्ट की मानें तो इस महीने की शुरुआत में एक्टिविस्ट कमांडर लोकेश बत्रा के अनुरोध पर एयर इंडिया ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक जवाब दिया था। इस जवाब में कहा गया था, कि 31 मार्च 2021 तक एयर इंडिया के बकाया बिलों में भारत सरकार का 268.8 करोड़ रुपए है।