दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ( Yuvraj Singh) विवाद में फंस गए हैं। उन पर जातिगत कमेंट करने का आरोप है और इसलिए उनको गिरफ्तार कर लिया गया था हालांकि जल्दी ही वे जमानत पर छोड़ दिए गए है।
युवराज को रिहा करने से पहले तीन घंटे से अधिक समय तक हरियाणा पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी। दरअसल ये मामला पिछले साल का है। इंस्टाग्राम पर रोहित शर्मा के साथ बातचीत के दौरान युवराज ने युजवेंद्र चहल पर जातिगत टिप्पणी की थी। इसके बाद दलितों के अधिकार के लिए लड़ने वाले वकील रजत कल्सन ने युवराज के खिलाफ हरियाणा के हिसार में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत करने वाले व्यक्ति ने रोहित पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि रोहित ने भी युवराज ( Yuvraj Singh) की बातों पर किसी तरह का प्रतिरोध नहीं किया। युवराज के खिलाफ हिसार के हांसी थाने में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने धारा 153, 153A और एसटी-एससी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था जिसके बाद युवराज इस मामले में हाई कोर्ट चले गए थे।
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युवराज ने दी सफाई
अपनी सफाए देते हुए युवराज ( Yuvraj Singh) ने ट्विटर पर एक पोस्ट लिखा जिसमें युवराज ने कहा कि वह जाति, रंग या लिंग के आधार पर किसी तरह के भेदभाव में भरोसा नहीं रखते। उन्होंने लिखा था – मैंने लोगों की भलाई के लिए काफी कुछ किया है और आगे भी करता रहूंगा। मैं समझता हूं कि जब मैं अपने दोस्त से बात कर रहा था तो मुझे गलत समझा गया और मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया। यदि अनजाने में मैंने आपका दिल दुखाया है तो एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने के कारण मैं उसके लिए आपसे माफी मांगता हूं। भारत और इसके लोगों के लिए मेरा प्यार काफी गहरा है।
शिकायतकर्ता नाराज
हांसी पुलिस युवराज को गिरफ्तार करने के बाद हिसार में पुलिस विभाग की गजटेड ऑफिसर मेस में ले आई जहां उनसे पूछताछ की गई। बाद में हाईकोर्ट के निर्देशानुसार उसे औपचारिक जमानत पर छोड़ दिया गया। शिकायतकर्ता रजत कलसन ने युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस द्वारा पूरा वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोप लगाए हैं। रजत कलसन का कहना है कि हरियाणा पुलिस ने युवराज सिंह के साथ सेल्फियां खिंचवाईं। जैसा आमतौर पर एक आरोपी के साथ होना चाहिए, उससे इतर युवराज को गजटेड ऑफिसर मेस में जूस और स्नैक्स खाने के लिए दिए गए। जानबूझकर इस बात को मीडिया से दूर रखा गया।