रायपुर। महंगे कोयले के साथ ही बिजली की मार के चलते इन दिनों प्रदेश की रि-रोलिंग मिलों (RE ROLINIG MIL) की स्थिति काफी खराब हो गई है। हालात ये हो गए हैं कि प्रदेश की 200 रि-रोलिंग मिलों से करीब 10 रोलिंग मिलें बंद हो चुकी हैं और जो रोलिंग मिलें चल रही हैं, एक-एक हफ्ते के लिए उनके ही प्लांट बंद किए जा रहे हैं, ताकि नुकसान से थोड़ा उबरा जा सके।
हर माह 10 लाख रुपये का नुकसान
छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन (RE ROLINIG MIL) से मिली जानकारी के अनुसार, कोयले के दाम बीते छह महीनों में तीन गुना हो गए हैं और इसके साथ ही उद्योगों को बिजली की मार पड़ रही है। इसके चलते ही प्रत्येक उद्योग को 10 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इन दिनों कोयले की लिंकेज की तैयारी की जा रही है।
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दो लाख से अधिक का रोजगार होगा प्रभावित
उद्योगपतियों का कहना है कि रोजगार देने के मामले में रि-रोलिंग (RE ROLINIG MIL) मिलें दूसरे उद्योगों से आगे हैं। इनसे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश भर में करीब दो लाख से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। रि-रोलिंग मिलों का संकट और गहराया तो दो लाख से अधिक लोगों का रोजगार प्रभावित होगा।
कोयले की महंगाई का असर सरिया पर
एक ओर कोयले की महंगाई और अनुपलब्धता के कारण रि-रोलिंग मिल पर संकट गहराता जा रहा है। दूसरी ओर सरिया की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है। आम आदमी के घर का सपना और महंगा होता जा रहा है और आने वाले दिनों में बिल्डरों द्वारा प्रोजेक्टों की कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी।