रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लखीमपुर खीरी के मृत किसानों को 50-50 लाख रुपए देने की घोषणा को सस्ती राजनीति का निकृष्टतम नमूना बताया है। साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के आर्थिक संसाधनों का दुरुपयोग और छत्तीसगढ़वासियों के हितों पर कुठाराघात है। छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ छल-कपट, धोखाधड़ी, वादाख़िलाफ़ी करने वाली कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अब उप्र में भी किसानों के साथ राजनीतिक पाखंड रचने में लगे हैं।
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साय ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल में आत्महत्या करने वाले 550 किसानों के घरों तक प्रदेश सरकार का कोई मंत्री तक नहीं पहुँचा। अब भाजपा आत्महत्या करने वाले सभी 550 किसानों के लिए प्रदेश सरकार से 50-50 लाख रुपए मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर उतरेगी। साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल पर लाशों पर राजनीति करने का फ़ितूर इस क़दर हावी हो गया है कि वे छत्तीसगढ़ का हक़ का मारकर स्वामीभक्ति की ओछी राजनीति पर उतारू हो चले हैं। वोटों की फ़सल काटने के लिए मुख्यमंत्री बघेल उत्तरप्रदेश में जिस तरह की ओछी राजनीति कर रहे हैं, वह निंदनीय है।
साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की यह घोषणा संवैधानिक और संघीय व्यवस्था के साथ भी खिलवाड़ है। जब उत्तरप्रदेश सरकार मृत किसानों के नाम पर 45-45 लाख रुपए, उनके एक परिजन को शासकीय नौकरी और घायलों को 10-10 लाख रुपए देने की घोषणा कर चुकी है, तब मुख्यमंत्री बघेल किस संवैधानिक व्यवस्था और अधिकार से अन्य प्रदेश की सरकार की व्यवस्था को ध्वस्त करने की शर्मनाक कोशिश करके संघीय ढाँचे की परम्परा, गरिमा और मर्यादा का चीरहरण करने पर उतारू हैं ?
छत्तीसगढ़ में साम्प्रदायिक तनाव
भाजपा अध्यक्ष साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ साम्प्रदायिक तनाव की आग में झुलस रहा है, क़ानून-व्यवस्था तहस-नहस हो रही है, धर्मांतरण का कुचक्र चल रहा है, किसान समेत हर वर्ग प्रदेश सरकार की वादाख़िलाफ़ी से त्रस्त है, राजधानी में एक ही दिन में दो-दो बड़े प्रदर्शन प्रदेश सरकार के प्रति गहराते जा रहे घोर आक्रोश की तस्दीक कर रहे हैं, ऐसे हालात में प्रदेश की फ़िक्र करना छोड़ मुख्यमंत्री बघेल स्वामीभक्ति दिखाते इधर-उधर भागते फिर रहे हैं, प्रदेश के कल्याण व विकास के बजाय यहाँ के अर्थिक संसाधनों को अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों के लिए लुटाने में मशगूल हैं, यह प्रदेश के साथ घोर अन्याय है।
सस्ती राजनीति से बाज़ आए सीएम
विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सस्ती राजनीति से बाज आएँ, प्रदेश के हक़ पर डाका डालकर स्वामीभक्ति दिखाने के बजाय अपनी उस ज़िम्मेदारी को ईमानदारी से पूरा करें, जिसके लिए छत्तीसगढ़ ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी है।
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अगर छत्तीसगढ़ के हितों से अधिक उन्हें सियासी ड्रामेबाजी करनी है तो प्रदेश का मुख्यमंत्री पद छोड़कर वे अपना यह शौक पूरा करें। छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस को इसलिए सत्ता क़तई नहीं सौंपी है कि उसकी सरकार अपने सियासी फ़ितूर की सनक में छत्तीसगढ़ के संसाधन लुटाती फिरे।