बलरामपुर। पंडो महिला की मृत्यु मामलें में मचे सीएससी बवाल के बिच सरकार की ओर से भी सफाई ज़ारी की हैं। जिला प्रशासन ने इस संबंध में एक बयान ज़ारी किया है जिसमें महिला की मौत की वज़ह कुपोषण नहीं बताया गया है।
ज़ारी किए गए बयान में कहा गया है कि “विभिन्न अखबारों में पण्डो महिला की मृत्यु की खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई है। जिसमें कुपोषण को प्रमुख कारण उल्लेखित किया गया है।
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किन्तु जांच प्रतिवेदन में कुपोषण को कारण नहीं माना गया है। रामानुजगंज के खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ.कैलाश कैवर्त्त्य की अगुवाई में टीम द्वारा जांच उपरांत पाया गया कि महिला देवन्ती पण्डो 19 अगस्त 2021 को उपस्वास्थ्य केन्द्र बरवाही में प्रसव हेतु भर्ती हुई थी तथा अगले दिन 20 अगस्त को उनका प्रसव हुआ।
महिला की स्थिति को देखते हुए उनके बेहतर इलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामानुजगंज भेजा गया था, किन्तु परिजनों के द्वारा उन्हें अस्पताल न ले-जाकर अपने घर बरवाही ले जाया गया तथा 09 सितम्बर 2021 को उनकी मृत्यु हो गई।”
महिला को अस्पताल ले जाने किया मना
जांच में पाया गया कि महिला देवन्ती पण्डो के स्वास्थ्य की जांच समय-समय पर की गई थी। मितानिन द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सनावल में महिला चिकित्सक के द्वारा देवन्ती पण्डो की जांच कराई गई और आयरन एवं कैल्शियम की गोलियां भी दी गई। महिला की दूसरी और तीसरी एएनसी जांच की गई तथा प्रसव पश्चात् बेहतर इलाज के लिये उच्च अस्पताल ले जाने को कहा गया, परन्तु परिजनों के द्वारा अस्पताल ले जाने से मना कर दिया गया।
विशेष निगरानी में बच्चा
मृतिका के पति शिवलाल पण्डो ने बताया कि गर्भ के दौरान देवन्ती का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सनावल में दो बार तथा उप स्वास्थ्य केन्द्र बरवाही में तीन बार जांच हुआ है। जांच उपरांत उन्हें दी गई आयरन व कैल्सियम की गोलियों का सेवन नहीं किया गया।
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देवन्ती की मृत्यु की जांच में यह पाया गया कि उन्होंने चिकित्सकों द्वारा दी गई सलाह का पालन नहीं किया तथा महिला की मृत्यु कुपोषण के कारण नहीं हुई है। प्रसव उपरांत मृतिका के बच्चे की स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष निगरानी की जा रही है।