नई दिल्ली। देशभर में रक्षाबंधन 2021 की तैयारियां शुरू हो गई है। ऐसे में ट्राइब्स इंडिया ने भी अपनी तैयारी कर रखी है। ट्राइब्स इंडिया में शानदार दस्तकारी, धातु से बनी सजावटी चीजों और बड़े पैमाने पर जैविक हर्बल उत्पाद उपलब्ध हैं।
ये सभी चीजें खुदरा दुकानों और ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों से खरीदी जा सकती हैं। परिवार वालों और मित्रों के लिये तोहफे खरीदने के लिये यह ट्राइब्स इंडिया की एक ही दुकान काफी है, जहां सब-कुछ उपलब्ध है। कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं है।
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रक्षाबंधन को मद्देनजर रखते हुये ट्राइब्स इंडिया कैटलॉग में एक विशेष “राखी” फीचर रखा गया है, जहां आकर्षक राखियां उपलब्ध हैं। ये राखियां भारत की विभिन्न जनजातियों द्वारा हस्त-निर्मित हैं। राखियों के अलावा पूजा की सामग्री भी उपलब्ध है, जैसे तराशी गई धातुओं की पूजा-पेटिकायें और तोरण।
साथ में पुरुषों और महिलाओं के लिये रंग-बिरंगे कुर्ते भी उपलब्ध हैं। महिलाओं के लिये सलवार-सूट, बुने हुये और तरह-तरह की स्टाइलीश जैकेट, साड़ियों की विशाल श्रृंखला, जैसे माहेश्वरी, चंदेरी, बाग, कांथा, भंडारा, टसर, सम्भलपुरी और इकाट परंपराओं वाली साड़ियां, कपड़े और सुंदर स्टोल खरीदे जा सकते हैं। ये सभी सामान ट्राइब्स इंडिया की खुदरा दुकानों और वेबसाइट पर मिल जायेंगी।
Mahima Chaudhary the famous Indian film actress urges you to boost the morale of our tribal artisans by buying from their handmade products through https://t.co/3WJYtnwvQO.
It is worth mentioning that 70% of all our proceeds from the sales goes to the tribals. #VocalForLocal pic.twitter.com/qri3Xfmfg6
— TRIBES INDIA (@tribesindia) July 8, 2021
जनजातीय उत्पादों को बाजार में उतारने और उनके विकास के जरिये जनजातियों की आजीविका को प्रोत्साहन देने तथा उन्हें शक्ति-सम्पन्न बनाने के प्रयास ट्राइफेड लगातार कर रहा है। वह ट्राइब्स इंडिया नेटवर्क के माध्यम से उत्पादों की विशाल और विविध श्रृंखला को विस्तार दे रहा है।
ट्राइब्स इंडिया की 137 खुदरा दुकानें
ट्राइब्स इंडिया की 137 खुदरा दुकानें और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म (www.tribesindia.com) हर तरह की जरूरतें पूरी कर रहा है। जैविक हल्दी, सूखा अमला, जंगलों से जमा किया हुआ शहद, काली मिर्च, रागी, त्रिफला, मूंग दाल, उड़द दाल, सफेद सेम और दलिया जैसे जैविक उत्पादों के साथ-साथ वर्ली शैली या पत्तचित्र शैली की चित्रकारी, डोकरा शैली के हाथ से बने आभूषण, पूर्वोत्तर के वानचो और कोन्याक जनजातियों के मनके वाले हार,तोहफे के तौर पर खरीदा जा सकता है।
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वही रेशमी और अन्य शानदार लिबास, रंग-बिरंगे गुड्डे-गुड़िया, बच्चों के खिलौने, पारंपरिक बुनी हुई डोंगरिया शॉल और बोडो जनजाति के बुने हुये कपड़े, धातु से बनी चीजें, बांस के उत्पाद, यानी हर तरह की वस्तुयें यहां उपलब्ध हैं, जिन्हें तोहफे के तौर पर खरीदा जा सकता है।